**राधास्वामी!! 01-01-2021- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) कहाँ लग कहूँ कुटिलता मन की। कान न माने गुरु के बचन की।। है गुरू बहिन और गुरु भाई। तिन में निसदिन होत लडाई।।-(गुरु ताडें सतसंगी झीखें। काल लगाई ऐसी लीकें।।) (सारबचन-शब्द-11वाँ-पृ.सं.234,235 )
(2) आज मन मित्रा भक्ति कमाय।।टेक।। जगत संग कुछ लाभ न पावे। दुख सुख में क्यों बैस बिताय।।-(चरन सरन गह पार सिधारो। राधास्वामी राधास्वामी निस दिन गाय।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-15,पृ.सं.378)
सतसंग के बाद शिक्षा दिवस के अवसर पर पढे गये पाठ:-
(1) तन मन धन से भक्ति करो री।।टेक।। -(राधास्वामी मेहर करें जब अपनी। भौसागर से सहज तरो री।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-57-पृ.सं.405)
(2) कोई करो प्रेम से गुरु का संग।।टेक।। मन से कपट और मान तियागो। प्रेमी जन का धिरो ढंग।।-(राधास्वामी दया दृष्टि से हेरा। बिरोधी हो गये आपहि तंग।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-67-पृ.सं.333,334) दयालबाग में रहने वाली एलुमिनाई महिला सदस्यों द्वारा।
(ग्रैशस हुजूर जी - फरमाया गया मुबारक बचन)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
No comments:
Post a Comment