Thursday, December 31, 2020

AADEIs की मीटिंग

 [1/1, 08:43] +91 97176 60451: आज  *(०१-०१-२०२१)*  AADEIs  की  मीटिंग  के  बाद  दो  पाठ  पढ़े  गए।  उसके  बाद  ग्रेसियस  हुज़ूर  ने  फरमाया 


 *राधास्वामी* 


आज  इवेंट्स  में  सिर्फ  ये  २  पाठ  करने  नहीं  शामिल  हैं, बल्कि  एक  अहम  दयालबाग  साइंस  ऑफ़  कन्शियसनेस  के  सैशन,  खासकर   कील  यूनिवर्सिटी - जर्मनी  और  यूनिवर्सिटी  ऑफ  वाटरलू  इत्यादि  की  सहभागिता से  भी  सतसंग  हॉल  में  टाइम  वगैरह,  स्वामी  दया  आपको  बता  देंगे, प्रसारित  होगे। क्योंकि   सट्रेंथ  को  लेकर  कोई  लिमिटेशन  नहीं  है,  और  वहां  आप  अपनी  राय  देना  चाहे  और  कॉन्फ्रेंस  के  सब्जेक्ट  मैटर  के  बारे  में  भी  सुन  लीजिएगा  पूरे  तरीके  से,  जिससे   जो  भी  उसमें  योगदान  देना  चाहेंगे,  आप  दे  सकेंगे। पहली  जनवरी  दयालबाग  के  इतिहास  में  हमेशा  से  एक  विशेष  महत्व  रखती  रही  है,  उसमें  ऐसी  कोई  बात  नहीं  है  कि  हम  वेस्टर्न  वर्ल्ड  के  नहीं  है, इसीलिए  हम  क्रिश्चियन  त्योहारों  को  नहीं  मनाते,  पहली  जनवरी  अपने  आप  में  एक  सुप्रसिद्ध  तारीख  रही  है।  जबकि  दयालबाग  के  रेजिडेंस,  एल्युमिनाई  और  उनके  फ्रेंडस  सबने  पार्टिसिपेट  किया  है, अंतरराष्ट्रीय  अंतराष्ट्रीय  स्तर  पर, तो  आपका  विशेष  स्वागत  है,  जो  भी  आपमें  से  ठहरे  हुए  हैं,  या  जहां  भी  आप  है  इस  वक्त,  वहां  के  ब्रांच  सेक्रेटरी  से  कोऑर्डिनेट  करेगे,  तो  आप  अपने  स्थान  से  ही,  इस  वर्च्युल  रियलिटी  मोड  से  इस  कॉन्फ्रेंस  में  सहभागिता  कर  सकेंगे।


 *राधास्वामी*

[1/1, 08:43] +91 97176 60451: *आज  *(01--01-2021)*  **AADEIs  की  मीटिंग  के  बाद  दो  पाठ  पढ़े  गए।  उसके  बाद  ग्रेसियस  हुज़ूर  ने  फरमाया-*


 *राधास्वामी* 


*आज  इवेंट्स  में  सिर्फ  ये  २  पाठ  करने  नहीं  शामिल  हैं, बल्कि  एक  अहम  दयालबाग  साइंस  ऑफ़  कन्शियसनेस  के  सैशन,  खासकर   कील  यूनिवर्सिटी - जर्मनी  और  यूनिवर्सिटी  ऑफ  वाटरलू  इत्यादि  की  सहभागिता से  भी  सतसंग  हॉल  में  टाइम  वगैरह,  स्वामी  दया  आपको  बता  देंगे, प्रसारित  होगे। क्योंकि   सट्रेंथ  को  लेकर  कोई  लिमिटेशन  नहीं  है,  और  वहां  आप  अपनी  राय  देना  चाहे  और  कॉन्फ्रेंस  के  सब्जेक्ट  मैटर  के  बारे  में  भी  सुन  लीजिएगा  पूरे  तरीके  से,  जिससे   जो  भी  उसमें  योगदान  देना  चाहेंगे,  आप  दे  सकेंगे। पहली  जनवरी  दयालबाग  के  इतिहास  में  हमेशा  से  एक  विशेष  महत्व  रखती  रही  है,  उसमें  ऐसी  कोई  बात  नहीं  है  कि  हम  वेस्टर्न  वर्ल्ड  के  नहीं  है, इसीलिए  हम  क्रिश्चियन  त्योहारों  को  नहीं  मनाते,  पहली  जनवरी  अपने  आप  में  एक  सुप्रसिद्ध  तारीख  रही  है।  जबकि  दयालबाग  के  रेजिडेंस,  एल्युमिनाई  और  उनके  फ्रेंडस  सबने  पार्टिसिपेट  किया  है, अंतरराष्ट्रीय  अंतराष्ट्रीय  स्तर  पर, तो  आपका  विशेष  स्वागत  है,  जो  भी  आपमें  से  ठहरे  हुए  हैं,  या  जहां  भी  आप  है  इस  वक्त,  वहां  के  ब्रांच  सेक्रेटरी  से  कोऑर्डिनेट  करेगे,  तो  आप  अपने  स्थान  से  ही,  इस  वर्च्युल  रियलिटी  मोड  से  इस  कॉन्फ्रेंस  में  सहभागिता  कर  सकेंगे।**


 *राधास्वामी!!*

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