Thursday, December 24, 2020

आज का दिन मंगलमय हो

 कृष्ण मेहता:🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞


⛅ *दिनांक 24 दिसम्बर 2020*

⛅ *दिन - गुरुवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शिशिर*

⛅ *मास - मार्गशीर्ष*

⛅ *पक्ष - शुक्ल* 

⛅ *तिथि - दशमी रात्रि 11:17 तक तत्पश्चात एकादशी*

⛅ *नक्षत्र - अश्विनी पूर्ण रात्रि तक*

⛅ *योग - परिघ दोपहर 01:42 तक तत्पश्चात शिव*

⛅ *राहुकाल - दोपहर 02:00 से शाम 03:21 तक*

⛅ *सूर्योदय - 07:14* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:02* 

⛅ *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - 

 💥 *विशेष - 

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *मोक्षदा एकादशी* 🌷

➡ *24 दिसम्बर 2020 गुरुवार को रात्रि 11:17 से 26 दिसम्बर, शनिवार को रात्रि 01:54 तक (यानी 25 दिसम्बर, शुक्रवार को पूरा दिन) एकादशी है ।*

💥 *विशेष - 25 दिसम्बर, शुक्रवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*

🙏🏻 *यह बड़े भारी पापों का नाश करनेवाला व्रत है | नीच योनि में पड़े पितर भी इसके पुण्यदान से मोक्ष पाते हैं |*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *तुलसी व तुलसी-माला की महिमा* 🌷

➡ *25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस है ।*

🌿 *तुलसीदल एक उत्कृष्ट रसायन है। यह गर्म और त्रिदोषशामक है। रक्तविकार, ज्वर, वायु, खाँसी एवं कृमि निवारक है तथा हृदय के लिए हितकारी है।*

🌿 *सफेद तुलसी के सेवन से त्वचा, मांस और हड्डियों के रोग दूर होते हैं।*

🌿 *काली तुलसी के सेवन से सफेद दाग दूर होते हैं।*

🌿 *तुलसी की जड़ और पत्ते ज्वर में उपयोगी हैं।*

🌿 *वीर्यदोष में इसके बीज उत्तम हैं तुलसी की चाय पीने से ज्वर, आलस्य, सुस्ती तथा वातपित्त विकार दूर होते हैं, भूख बढ़ती है।*

🌿 *जहाँ तुलसी का समुदाय हो, वहाँ किया हुआ पिण्डदान आदि पितरों के लिए अक्षय होता है। यदि तुलसी की लकड़ी से बनी हुई मालाओं से अलंकृत होकर मनुष्य देवताओं और पितरों के पूजनादि कार्य करें तो वह कोटि गुना फल देने वाला होता है।*

🌿 *तुलसी सेवन से शरीर स्वस्थ और सुडौल बनता है। मंदाग्नि, कब्जियत, गैस, अम्लता आदि रोगों के लिए यह रामबाण औषधि सिद्ध हुई है।*

🌿 *गले में तुलसी की माला धारण करने से जीवनशक्ति बढ़ती है, आवश्यक एक्युप्रेशर बिन्दुओं पर दबाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव में लाभ होता है, संक्रामक रोगों से रक्षा होती है तथा शरीर स्वास्थ्य में सुधार होकर दीर्घायु की प्राप्ति होती है। शरीर निर्मल, रोगमुक्त व सात्त्विक बनता है। इसको धारण करने से शरीर में विद्युतशक्ति का प्रवाह बढ़ता है तथा जीव-कोशों द्वारा धारण करने के सामर्थ्य में वृद्धि होती है। गले में माला पहनने से बिजली की लहरें निकलकर रक्त संचार में रूकावट नहीं आने देतीं । प्रबल विद्युतशक्ति के कारण धारक के चारों ओर चुम्बकीय मंडल विद्यमान रहता है। तुलसी की माला पहनने से आवाज सुरीली होती है, गले के रोग नहीं होते, मुखड़ा गोरा, गुलाबी रहता है। हृदय पर झूलने वाली तुलसी माला फेफड़े और हृदय के रोगों से बचाती है। इसे धारण करने वाले के स्वभाव में सात्त्विकता का संचार होता है। जो मनुष्य तुलसी की लकड़ी से बनी हुई माला भगवान विष्णु को अर्पित करके पुनः प्रसाद रूप से उसे भक्तिपूर्वक धारण करता है, उसके पातक नष्ट हो जाते हैं।*

🌿 *कलाई में तुलसी का गजरा पहनने से नब्ज नहीं छूटती, हाथ सुन्न नहीं होता, भुजाओं का बल बढ़ता है।*

🌿 *तुलसी की जड़ें कमर में बाँधने से स्त्रियों को, विशेषतः गर्भवती स्त्रियों को लाभ होता है। प्रसव वेदना कम होती है और प्रसूति भी सरलता से हो जाती है।*

🌿 *कमर में तुलसी की करधनी पहनने से पक्षाघात नहीं होता, कमर, जिगर, तिल्ली, आमाशय और यौनांग के विकार नहीं होते हैं।*

🌿 *तुलसी की माला पर जप करने से उँगलियों के एक्यूप्रेशर बिन्दुओं पर दबाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव दूर होता है ।*

🌿 *इसके नियमित सेवन से टूटी हड्डियाँ जुड़ने में मदद मिलती हैं ।*

🌿 *तुलसी की पत्तियों के नियमित सेवन से क्रोधावेश एवं कामोत्तेजना पर नियंत्रण रहता है ।*

🌿 *तुलसी के समीप पड़ने, संचिन्तन करने से, दीप जलने से और पौधे की परिक्रमा करने से पांचो इन्द्रियों के विकार दूर होते हैं ।*

🙏🏻 *ऋषि प्रसाद, सितम्बर 2010*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *श्रीमद् भगवद् गीता जयंती* 🌷

➡ *25 दिसम्बर 2020 शुक्रवार को श्रीमद् भगवद् गीता जयंती है।*

🙏🏻 *धर्म ग्रंथों के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए प्रतिवर्ष इस तिथि को गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है।*

🙏🏻 *गीता दुनिया के उन चंद ग्रंथों में शुमार है, जो आज भी सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे हैं और जीवन के हर पहलू को गीता से जोड़कर व्याख्या की जा रही है। इसके 18 अध्यायों के करीब 700 श्लोकों में हर उस समस्या का समाधान है जो कभी ना कभी हर इंसान के सामने आती है। आज हम आपको इस लेख में गीता के 9 चुनिंदा प्रबंधन सूत्रों से रूबरू करवा रहे हैं, जो इस प्रकार हैं-*

🌷 *1 : श्लोक*

*कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।*

*मा कर्मफलहेतु र्भूर्मा ते संगोस्त्वकर्मणि ।।*

🙏🏻 *अर्थ- भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि हे अर्जुन। कर्म करने में तेरा अधिकार है। उसके फलों के विषय में मत सोच। इसलिए तू कर्मों के फल का हेतु मत हो और कर्म न करने के विषय में भी तू आग्रह न कर।*

➡ *मैनेजमेंट सूत्र- भगवान श्रीकृष्ण इस श्लोक के माध्यम से अर्जुन से कहना चाहते हैं कि मनुष्य को बिना फल की इच्छा से अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करना चाहिए। यदि कर्म करते समय फल की इच्छा मन में होगी तो आप पूर्ण निष्ठा से साथ वह कर्म नहीं कर पाओगे। निष्काम कर्म ही सर्वश्रेष्ठ परिणाम देता है। इसलिए बिना किसी फल की इच्छा से मन लगाकर अपना काम करते रहो। फल देना, न देना व कितना देना ये सभी बातें परमात्मा पर छोड़ दो क्योंकि परमात्मा ही सभी का पालनकर्ता है।*

🌷 *2 : श्लोक*

*योगस्थ: कुरु कर्माणि संग त्यक्तवा धनंजय।*

*सिद्धय-सिद्धयो: समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते।।*

🙏🏻 *अर्थ- हे धनंजय (अर्जुन)। कर्म न करने का आग्रह त्यागकर, यश-अपयश के विषय में समबुद्धि होकर योग युक्त होकर, कर्म कर, (क्योंकि) समत्व को ही योग कहते हैं।*

➡ *मैनेजमेंट सूत्र- धर्म का अर्थ होता है कर्तव्य। धर्म के नाम पर हम अक्सर सिर्फ कर्मकांड, पूजा-पाठ, तीर्थ-मंदिरों तक सीमित रह जाते हैं। हमारे ग्रंथों ने कर्तव्य को ही धर्म कहा है। भगवान कहते हैं कि अपने कर्तव्य को पूरा करने में कभी यश-अपयश और हानि-लाभ का विचार नहीं करना चाहिए। बुद्धि को सिर्फ अपने कर्तव्य यानी धर्म पर टिकाकर काम करना चाहिए। इससे परिणाम बेहतर मिलेंगे और मन में शांति का वास होगा। मन में शांति होगी तो परमात्मा से आपका योग आसानी से होगा। आज का युवा अपने कर्तव्यों में फायदे और नुकसान का नापतौल पहले करता है, फिर उस कर्तव्य को पूरा करने के बारे में सोचता है। उस काम से तात्कालिक नुकसान देखने पर कई बार उसे टाल देते हैं और बाद में उससे ज्यादा हानि उठाते हैं।*

🌷 *3 : श्लोक*

*नास्ति बुद्धिरयुक्तस्य न चायुक्तस्य भावना।*

*न चाभावयत: शांतिरशांतस्य कुत: सुखम्।*

🙏🏻 *अर्थ- योग रहित पुरुष में निश्चय करने की बुद्धि नहीं होती और उसके मन में भावना भी नहीं होती। ऐसे भावना रहित पुरुष को शांति नहीं मिलती और जिसे शांति नहीं, उसे सुख कहां से मिलेगा।*

➡ *मैनेजमेंट सूत्र - हर मनुष्य की इच्छा होती है कि उसे सुख प्राप्त हो, इसके लिए वह भटकता रहता है, लेकिन सुख का मूल तो उसके अपने मन में स्थित होता है। जिस मनुष्य का मन इंद्रियों यानी धन, वासना, आलस्य आदि में लिप्त है, उसके मन में भावना (आत्मज्ञान) नहीं होती। और जिस मनुष्य के मन में भावना नहीं होती, उसे किसी भी प्रकार से शांति नहीं मिलती और जिसके मन में शांति न हो, उसे सुख कहां से प्राप्त होगा। अत: सुख प्राप्त करने के लिए मन पर नियंत्रण होना बहुत आवश्यक है।*

👉🏻 *शेष कल..........*

             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏

[12/24, 07:15] Morni कृष्ण मेहता: मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन 

          मेष राशि का फल


 24 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन होगा। इस समय मंगल अपनी स्वराशि मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। मंगल ग्रह मेष राशि में 22 फरवरी 2021 तक है ..


1. मेष राशि :  आपको अनेक लाभ मिल सकते है इस गोचर के दौरान आर्थिक लाभ होने की संभावना के बीच आपको अपने लक्ष्यों में सफलता हासिल होगी। 

2. वृषभ राशि : परिवार में कुछ तनाव  ओर धन  आगमन  हो सकता है  पत्नी या पति से टकराव या कोई रोग कि सूचना से सावधान रहे

3. मिथुन राशि : आपके लिए यह। मंगल बहुत लाभ कारी है बेहद शुभ साबित होगा। आमदनी भी बढ़ेगी। तरक्की भी मिल सकती है। नए लोगों से मुलाकात और यश और मान बढ़ेगा। बहुत पैसा मिल सकता है 

4. कर्क राशि : आपकी  काम धंधे रोजगार में उन्नति ही सकती है इससे  आय में वृद्धि होने की संभावना  तेज है आपका उत्साह और  आपका एनर्जी लेवल भी बढ़ा रहेगा।

5. सिंह राशि : आपको  भाग्य उन्नति मिल सकती है आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा। इसके साथ ही  अनेक काम सफल हो सकते हैआपकी आर्थिक स्थिति भी ठीक रहेगी।

6. कन्या राशि : आपको सावधान रहने की आवश्यकता है किसी प्रकार की चोट या रोग ही सकता है बड़ा नुकसान हो सकता है हनुमान जी की पूजा करें हर मंगल वार

7. तुला राशि : आपको नित्य आय में लाभ मिल सकता है  साथ आप को बिजनेस में लाभ के साथ ही नौकरी पेशा जातकों के लिए प्रमोशन का योग बनेगा। 

8. वृश्चिक राशि  आपकी बहुत समस्या हाल हो सकती है विरोधी लोग आपसे दूर रहे गए है आपकी आमदनी में इजाफा होगा। धन मिलेगा  इसके साथ ही नौकरी का। व्यापार में धन लाभ  भी योग बन सकता है। 

9. धनु राशि :  पेट में रोग हो सकता है आप को  अपनी संतान की तरफ से कोई अच्छी खबर मिल सकती है धन या विद्या  लाभ मिलेगा। आपका खर्चा भी ज्यादा होगा

10. मकर राशि : आपके सुख में कुछ गडबड ही सकती है बेकार में इधर उधर जाना होगा  कुछ परेशानियां तेज हो सकती है टेंशन हो सकती है किसी प्रकार के धन  निवेश करने से बचना चाहिए। काम धंधे और व्यापार में उतार.चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।

11. कुंभ राशि : मंगल  इस समय आपका साथ देगा आपके भाग्य । उन्नति से साथ देगा।  आपका पराक्रम तेज होगा और इस  दौरान रूके हुए कार्य भी बन सकते हैं। आप मजबूत होंगे

12. मीन राशि  आपको विविध तरीके की प्रेशानिया हो सकती है धन का खर्च तेज  बनेंगे और आर्थिक स्थिति में थोड़ा दवाब बढ़ेगा।

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