Recorded पाण्डेमिक्स
430 BC -Peloponnesian war
165 AD - Antonine Plague
250 AD - Cyprian Plague
541 AD - Justinian Plague
11th Century - Leprosy
1350 - The black death(Bubonic Plague)
1492 - Small pox, Measles and Bubonic Plague
1665-66 - The great plague of London
1817 - 1st Cholera Pandemic
1855 - The 3rd Plague pandemic
1875 - FIJI Measles Pandemic
1889 - Russian Flu
1918 - Spanish Flu
1957 - Asian Flu
1981 - HIV/ AIDS
2003 - SARS
2019 - COVID 19
परिवर्तन, आवृति एवम आचरण पठनीय।
फिर भी
जीवन अनवरत।
सुख - दुःख
दिन - रात
प्रातः - संध्या
बारिस - ठंढ - गर्मी
ये सभी प्रकृति के अनवरत घटित स्वरूप हैं जो कालचक्र के साथ इंसान को कई संदेस देती हैं जिसे हम आत्मसात करें और अपने वांछित उद्देश्य की ओर अग्रसर हों। परंतु हमारे अंदर बैठे पांच शैतान हमें इन चक्रों से कुछ सीखने को प्रेरित करने के बजाय हमें इनसे जितने में उलझा देते हैं और रचयिता को pandemic जैसे शब्द का सहारा लेना पड़ता है।
स्वाभाविक रूप से मौजूद विपरीत परिस्थितियों ने भी हमें कुछ न कुछ खास सिखाने का ही प्रयास किया है।
अतः आइये आज इस वर्ष के अंतिम दिन पर कुछ विशेष सीख देने हेतु इसे धन्यवाद करें तथा आने वाले नववर्ष को प्रकृति का स्वाभाविक देन समझ स्वीकार करें।
साथ ही इस नवीन मौके पर
कुलमालिक के चरण कमल में प्रार्थना है कि आप अपने ब्यापक परिवार के साथ स्वस्थ, सकुशल एवम सामान्य रहें। ईश्वर आगामी वर्ष में आपके समस्त वांछित इक्षाओं को गति एवम समर्थन प्रदान करें।
तेज बहादुर एवम परिवार
No comments:
Post a Comment