आओ चलो मिलकर फिर से पेड़🌳 लगाते हैं.
प्रस्तुति -+ शैलेन्द्र किशोर
वह भी खास छ: प्रकार के.
1-पीपल का पेड़
हिंदु धर्म में पीपल तो बौद्ध धर्म में इसे बोधी ट्री के नाम से जानते हैं. कहते हैं कि इसी पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. पीपल का पेड़ 60 से 80 फीट तक लंबा हो सकता है. यह पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता है. इसलिए पर्यावरणविद पीपल का पेड़ लगाने के लिए बार-बार कहते हैं.
2-बरगद का पेड़
इस पेड़ को भारत का राष्ट्रीय वृक्ष भी कहते हैं. इसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र भी माना जाता है. बरगद का पेड़ बहुत लंबा हो सकता है और यह पेड़ कितनी ऑक्सीजन उत्पादित करता है ये उसकी छाया कितनी है, इस पर निर्भर करता है.
3-नीम का पेड़
एक और पेड़ जिसके बहुत से फायदे हैं, नीम का पेड़. इस पेड़ को एक एवरग्रीन पेड़ कहा जाता है और पर्यावरणविदों की मानें तो यह एक नैचुरल एयर प्यूरीफायर है. ये पेड़ प्रदूषित गैसों जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर और नाइट्रोजन को हवा से ग्रहण करके पर्यावरण में ऑक्सीजन को छोड़ता है.
इसकी पत्तियों की संरचना ऐसी होती है कि ये बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन उत्पादित कर सकता है. ऐसे में हमेशा ज्यादा से ज्यादा नीम के पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है. इससे आसपास की हवा हमेशा शुद्ध रहती है.
4-अशोक का पेड़
अशोक का पेड़ न सिर्फ ऑक्सीजन उत्पादित करता है बल्कि इसके फूल पर्यावरण को सुंगधित रखते हैं और उसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं. यह एक छोटा सा पेड़ होता है जिसकी जड़ एकदम सीधी होती है.
पर्यावरणविदों की मानें तो अशोक के पेड़ को लगाने से न केवल वातावरण शुद्ध रहता है बल्कि उसकी शोभा भी बढ़ती है. घर में अशोक का पेड़ हर बीमारी को दूर रखता है. ये पेड़ जहरीली गैसों के अलावा हवा के दूसरे दूषित कणों को भी सोख लेता है.
5-अर्जुन का पेड़
अर्जुन के पेड़ के बारे में कहते हैं कि यह हमेशा हरा-भरा रहता है. इसके बहुत से आर्युवेदिक फायदे हैं. इस पेड़ का धार्मिक महत्व भी बहुत है और कहते हैं कि ये माता सीता का पसंदीदा पेड़ था. हवा से कार्बन डाई ऑक्साइड और दूषित गैसों को सोख कर ये उन्हें ऑक्सीजन में बदल देता है.
6-जामुन का पेड़
भारतीय अध्यात्मिक कथाओं में भारत को जंबूद्वीप यानी जामुन की धरती के तौर पर भी कहा गया है. जामुन का पेड़ 50 से 100 फीट तक लंबा हो सकता है. इसके फल के अलावा यह पेड़ सल्फर ऑक्साइड और नाइट्रोजन जैसी जहरीली गैसों को हवा से सोख लेता है. इसके अलावा कई दूषित कणों को भी जामुन का पेड़ ग्रहण करता है.
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