*राधास्वामी!
23-09-2021-आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला पहला पाठ:-
सरन पड़े की लाज
प्रभु राखो राखनहार ॥टेक ॥
निर्गुनियारा गुन नहिं एको
औगुन भरे हजार ॥१॥
मन के संग सदा मदमाता
बिषयन करूँ अहार ॥२॥
हुक्म तुम्हारा नेक न मान
बहूँ जगत की लार ॥३॥
भजन ध्यान और सतसँग सेवा
चित से रहा बिसार ॥४॥
जस तस तुमने सरना लीना
तुमही करो निरबार ॥५॥
सरन दिये की लाज तुम्हीं को
कीजे जीव उबार ॥६॥
पतितपावन नाम तुम्हारा
लीजे पतित सँभार ॥७॥
परम गुरू साँचे पितु माता
जल्दी सुनो पुकार ॥८॥
भक्ति भाव की बख्रिशश कीजे
अपनी ओर निहार ॥९॥
जामें छूटें कंटक करमा
चरनन मिले अधार ॥१०॥
राधास्वामी सतगुरु परम दयाला
दीजे कष्ट निवार ।११॥
(प्रेमबिलास-शब्द-80-
राधास्वामी!! -
23-09-2021-आज शाम सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) सरन पड़े की लाज प्रभु राखो राखनहार।।टेक।।
-(प्रेमबिलास-शब्द-80-पृ.सं.113-
अमृतसर ब्राँच (पंजाब)-अधिकतम उपस्थिति-171)
(2) खेल रही सूरत मतवारी।
गुरु चरनन में प्रीति करारी।।
अमी धार की बरखा भारी
सत्तपुरुष अद्भुत छवि धारी-
(बाच लक्ष का निरनै करते।
लक्ष माहि़ वे बिरती धरते।। )
(प्रेमबानी-1-शब्द-24-पृ.सं., 169,170)
(3) यथार्थ प्रकाश-भाग तीसरा-कल से आगे।
सतसंग के बाद:-
(1) राधास्वामी मूल नाम। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
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