राधास्वामी! 06-09-2021-आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
मेरे प्यारे गुरु किरपाल।
चरनन लागूँगी।।१।।
मैं तो मोह रही छवि देख ।
निहारूँगी ॥२ ॥
मोहि रूप अनूप दिखान ।
हिय बिच धारूँगी ॥ ३ ॥
मोपै सतगुरु कीनी मेहर ।
काल पछाडूँगी ॥ ४ ॥
मैं तो परख रही गुरु बैन ।
भरम सब टारूँगी ॥५ ॥
मैं तो सतसँग धारूँ l
नित्त कर्म को जारूँगी ॥६ ॥
मेरे उमँग उठी हिये माहिं ।
आरत धारूँगी ॥७ ॥
भक्ती की जोत सुधार ।
हिये बिच बारूँगी ॥८ ॥
प्यारे सतगुरु सन्मुख जाय ।
आरत वारूँगी ॥९॥
गगना में सुरत चढ़ाय।
दरश गुरु पाऊँगी ॥१० ।।
राधास्वामी पद दरसान।
सरन समाऊँगी।।११।।
(प्रेमबानी-1-शब्द-14-पृ.सं.151,152)
राधास्वामी!
आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला पहला पाठ:-
चरन गुरु हिरदे धार रहा।
दया राधास्वामी माँग रहा।।
(प्रेमबानी-2-पृ.सं.6,7)
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
No comments:
Post a Comment