प्रस्तुति - अरुण अगम यादव
[30/03, 14:04] +91 94162 65214: राधास्वामी!! 30-03-2020- आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ:- (1) उमँग मन फूल रहा। गुरू दरशन पाया री।। (प्रेमबानी-3,शब्द-10,पृ.सं.206) (2) सुरतिया बिनती करत रही। करो गुरु मेरा आज उधार।।टेक।। कोई दिन सँग में अपने रख कर। आप करें उस काज सँभार।। (प्रेमबिलास-शब्द-89,पृ.सं.127) (3) सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा-कल से आगे।। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
[30/03, 14:04] +91 94162 65214: राधास्वामी!! 30-03 -2020 -आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे -(94) दुनिया में वासनाओं की नदी बह रही है और हर शख्स, बिना ख्याल इस बात कि उसके अंदर क्या जा रहा है, दोनों हाथों से उसका पानी पी रहा है। जिस शख्स को किसी ऐसे पुरुष किस शरण प्राप्त है जो गंदगी को गंदगी देखता व समझता है और सतह पर तैरती हुई गंदगी को दोनों हाथों से हटाता है ताकि उसके साथी गंदगी निगलने से बच जावें,वहीं इस गंदगी के जहर से बच सकता है । इसी कुदरती कानून के इस्तेमाल से सत्संग मंडली आमतौर पर संसारी वासनाओं की गंदगी से बची हुई है । 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻 सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा।
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