Saturday, March 21, 2020

दिनेश श्रीवास्तव की कोरोना कविता




गीतिका-

              सफल रहे अभियान
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जहाँ नहीं कुछ हाथ में,ईश्वर का हो ध्यान।
वही शक्ति देगा हमे,और बचेगा प्रान।।

अभी शेष है देश में,तरह तरह के शस्त्र।
अभी कृष्ण का चक्र है,अभी राम का बान।।

विश्व जगत व्याकुल हुआ,वैज्ञानिक सब फेल।
सभी धार्मिक जगत का,व्यर्थ हुआ सब ज्ञान।।

संत पुरोहित थक गए,मुल्ले सभी फ़क़ीर।
आज चिकित्सा जगत का,करना है सम्मान।।

अहर्निशं सेवामहे, लगे चिकित्सक नर्स।
बजे तालियाँ आज फिर,उनका ही हो गान।।

छोड़ छाड़ सब आज फिर,लेकर चम्मच-थाल।
उनको भी दे दीजिए,थोड़ी सी मुस्कान।।

अँधियारा तो क्षणिक है,पुनःउजाली रात।
खंडित करना है यहाँ, अँधियारे का मान।।

टूटेगा अब आज यह,महासंक्रमण चेन।
जन जन का होगा यहाँ,निश्चित ही कल्यान।।

हारेगा यह एक दिन, मन में है विश्वास।
कोरोना का बाप भी,'मोदी' का फरमान।।

संकट की यह बात है,और संक्रमण- काल।
करता विनय 'दिनेश'है,सफल रहे अभियान।।

                दिनेश श्रीवास्तव
               २२ मार्च २०२०
                 ६.४५ प्रातः

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