प्रस्तुति - मेहर कृषि सृष्टि दृष्टि अमी
*गुरु महाराज ने कहा है , घबराना नहीं . दुःख और मुसीबत के बादल मडरायेंगे , गरजेंगे भी लेकिन बिना बरसे निकल जायेंगे*
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परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज
-सत्संग के उपदेश- भाग 2-
कल का शेष :-मुल्के के हिंदुस्तान के लिए, जो अविष्कारों के मामले में अपने हाथ पीछे हैं सख्त जरूरत है कि मशीन जी की जरूरत को पूरे तौर पर समझ कर इस जानिब काफी तवज्जुह हिंदुस्तान के अक्सर हिस्सों में गर्मी सख्त पड़ती है अगर किसी तरीके से सूर्य की गर्मी से काम लेकर भाप तैयार की जाए तो निहायत कम कीमत पर बिजली पैदा की जा सकती है और कोयला व तेल की कमी का नुकसान आसानी से पूरा किया जा सकता है।
कुछ अर्सा हुआ कि खबर छपी थी कि काहिरा में किसी साहब ने ऐसा बॉयलर बनाया है जो सूर्य की गर्मी से भाप तैयार करके काम करता है ।क्या हिंदुस्तान में इस तरह की अविष्कार नहीं की जा सकती? इसी तरह हिंदुस्तान में दूसरे मुल्कों से करोड़ों रुपए के केमिकल्स आते हैं जो जरा तवज्जुह देने से यहां तैयार हो सकते हैं बर्शते कि मुनासिब मशीनों का इस्तेमाल व अविष्कार किया जावे।
काश जितना जोर राजनैतिक तरक्की के मुतअल्लिक़ लगाया जाता है उसका दसवाँ हिस्सा भी मशीनों के इस्तेमाल व अविष्कारों में लगाया जाता ताकि हमारी बहुत सी दिक्कते सहज में रफा हो जातीं।
बेहतर होगा कि नौजवान बजाय बीस पच्चीस रुपये की नौकरी के लिए उम्मीदवार बनने के, कारखानों में मशीनों का इस्तेमाल सीखे। याद रहे कि जैसे घोड़े को काबू करने में खास किस्म का लुत्फ आता है वैसे ही मशीन से काम लेने में भी लुत्फ आता है।।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻*
सभी लोग*
*अपने अपने मोबाइल का भी*
*ध्यान रखना*
अगर
*गिर पड़ गया तो*
*21 दिन कोई सुधारने*
*वाला भी नहीं मिलेगा*
*पड़े रहोगे एक कोने मे*
*चुपचाप*
*अब ये ही एक सहारा है !*
😜😜😜😜😜😜😜😜😜😜
*कृपया ध्यान दीजिए*
आज सुबह मिले आदेश के अनुसार
*सभी सत्संगी भाई बहनों को अपने अपने घरों में खाली नहीं बैठना है कुछ ना कुछ श्रम एक्टिविटी करते रहना है*
*थोड़े-थोड़े लोग जोकि 3 - 3 अथवा 4 -4 ग्रुप में हो सकते हैं अपनी ब्रांच में और अपने घरों के आसपास कुछ ना कुछ श्रम एक्टिविटी रोजाना करते रहें ,*
*सुबह तथा शाम का सत्संग अपने अपने घरों में अवश्य सुने ।*
*अपने आसपास के बुजुर्ग सत्संगियो की मदद के लिए उन्हें पूछते रहे।*
*आपके आसपास यदि किसी को मेडिकल सहायता चाहिए हो तो उस के लिए आप उन्हें पूछ सकते हो*
ऐसी हिदायत हमें आज सुबह प्राप्त हुई है।
*राधास्वामी*
जितना हो सके सब लोग सुमिरन ध्यान लगाना चालू कर दो अब नही करा तो तकलीफ अपने को ही होगी । मेरा विस्वास है अगर हम सब मिल कर ये काम करेंगे मालिक के चरणों मे लिप्त हो जाते है तो केवल कुछ ही दिनों मे सब कुछ नॉर्मल हो जाएगा ।आप सब से अनुरोध है समय ना गवाते हुए इस आपदा भरे समय मे सुमिरन ध्यान पे अत्यधिक समय दे ।
राधास्वामी 🙏🏻
🙏🏻
*0 "मालिक से सम्हाल करने की फ़रियाद करने का तरीका" 0*
जितना हो सके हम सब लोग सुमिरन ध्यान का सिलसिला जारी रखें, अगर यह नही करा तो तकलीफ अपने को ही होगी।
मेरा विस्वास है अगर हम सब मिल कर ये काम करेंगे और मालिक के चरणों मे लिप्त हो जाते है तो केवल कुछ ही दिनों मे सब कुछ नॉर्मल हो जाएगा।
आप सब से अनुरोध है समय ना गवाते हुए इस आपदा भरे समय मे सुमिरन ध्यान पे अत्यधिक समय दे।
🙏🏻🙏🙏🏻 *राधास्वामी* 🙏🏻🙏🙏🏻
[*राधास्वामी*
आप की कृपा से मालिक
जब भी हम दयालबाग़ आते थे ।
सुनते थे सत्संग आपका,
और दर्शन भी कर पाते थे ।
मिट जाते थे भ्रम कई,
कर्म भी कई कट जाते थे ।
कभी आपके सत्संग घरों में,
जब हम सेवा पर आते थे ।
संगत रूप में भी आपके,
दर्शन हम कर जाते थे ।
भटकते मन को चैन और,
रूह को करार पाते थे ।
यह कैसी आँधी "करोना "की,
चला दी ........
दर्शनों से भी दूर किया,
सेवा भी छुड़वा दी ।
माना कर्म दुष्कर्म हमारे हैं,
बड़ी सख्त सजा दी ।
दया करो,अब तो बख्श दो ,
बख्शन हार दाता जी ।
पापी घने हैं चाहे हम ,
आपका ही हैं परिवार दाता जी।
हम नादान निमानों को लौटा दो
पहले सा ही प्यार दाता जी ।
🙏
*कुछ जरूरी नियम*
*1.जिस जिह्वां से मलिक का नाम लेते हो उसे गंदा मत करो शुक्र दिन रात करो.*
*2. जिस नजर से मालिक का दिदार करते हो उसे नेक और पवित्र रखो.*
*3. जिन कानो से सतगुरू की मीठी वाणी सुनते हो उनमे अपवित्रता मत डालो.*
*4. जिस मन को सुमिरन मे लगाते हो उसको दुनियावी ख्यालो मे मत लगाओ.*
*फ़िर देखो उसकी रहमत कीे कैसे बारिश होती है*🙏🏽🙇🏻♂
[25/03, 20:56] +91 94162 65214: *मत कोई भरम भूले संसारा*
*गुरू बिन कोई न उतरै पारा*
🙏🙏
*।।महत्वपूर्ण भविष्यवाणी।।
(दयालबाग में परम गुरु हुजूर साहबजी
महाराज द्वारा फरमाया गया बचन- 8 जनवरी -1931) :-
शीघ्र ही दयालबाग उत्तर में अंबाले से लेकर बनारस तक जोकि लगभग 700 मील का फासला है , फैल जाएगा। मैं अपनी अंतरी आँख के सामने दयालबाग के उस जमीनी प्लान को देख रहा हूँ जो कि भविष्य में होगा और जो तमाम दुनिया में लिए केंद्रीय संस्था बन जाएगा जिससे प्रेम और शांति की शुद्ध किरणे निकलकर संसार के विभिन्न कोणों में फैल जाएंगी ।अमेरिका अपनी धन दौलत पर गर्व कर सकता है, इंग्लैंड महान हो सकता है, जर्मनी गर्वपूर्ण हो सकता है और इटली कुछ और हो सकता है। लेकिन दयालबाग बहुत अधिक महान होगा ,संसार के सब राष्ट्रों से महान होगा और विश्व शांति दयालबाग द्वारा ही स्थापित होगी ।राधास्वामी दयाल ने इस केंद्र पर बड़ी तोप लगा दी है जिसमें राधास्वामी नाम के गोले चारों ओर चलाए जाएंगे ताकि काल और माया के तमाम कार्यवाहियों का अंत हो और तमाम सूरतें नाशमान बंधनो से मुक्त होकर राधास्वामी धाम की ओर ले जाई जायेगीं। हमारे मिशन के फलस्वरुप एक नई रचना का निर्माण हो रहा है। पुराने जमाने में जब कृष्ण महाराज अपने अनुयायियों के बीच मथुरा के जंगलों में अपनी बांसुरी बजाते थे तो वह आपस में हाथ पकड़ कर अपार आनंद में नाचते थे ।उसी तरह वह दिन आएगा जब कि जो (सत्संगी) भाई बहने यहां जमा है, मन और जड़ पदार्थों से पूर्ण रूप से अलग होकर राधास्वामी दयाल के चारों ओर नाचेंगे । अतः आप सब जवान और बूढ़े उस मौके के लिए तैयार हो जाओ। चाहे कहीं से भी कितनी भी ठोस रुकावट की जाए , उन दयाल का मिशन , जैसा कि ऊपर बयान किया गया है पूरा होना चाहिए और वह लोग जो इस रौ ( तेज धार) के रास्ते में खड़े होकर रुकावट डालेंगे उन्हें अवश्य ठुकरा दिया जावेगा।। हुजूर ने फरमाया कि वह अपने सामने दयालबाग का पूरा प्लान देख रहे हैं और यह कि हम सब केवल राज या मजदूर केवल समान ढोने वाले हैं - परंतु असली निर्माता स्वयं हुजूर राधास्वामी दयाल है और हम उनका भावी प्लान नहीं जानते ।हममें से केवल वही मनुष्य , जिनको अंतरी दृष्टि प्राप्त है उसका कुछ अंदाजा लगा सकते हैं । यह फरमाकर हुजूर ने अपना हाथ अपने माथे पर रखा इस प्रकार कहना प्रारंभ किया-- यह ध्यान रखिए कि मैं स्वपन नहीं देख रहा हूँ, मैं शर्तिया जागृत हूं और जो कुछ मैंने कहा है वह अवश्य होकर रहेगा । उदाहरण के तौर पर विद्यालय आर. ई.आई. की इमारत के बारे में कहा कि वह ठीक उसी रूप में बनकर तैयार हुई है जैसा उन्होंने पहले उसके बारे में बचन फरमाए थे । उन दयाल ने परम गुरु हुजूर महाराज के लेखों का भी इस सिलसिले में हवाला दिया और फरमाया कि पुराने जमाने में संत महात्माओं ने दुनिया में आगे होने वाले प्रसार के बारे में केवल कुछ इशारे ही दिए थे। वह दयाल आज स्पष्ट शब्दों में यह ऐलान फरमा रहे हैं कि भविष्य में दयालबाग सारे संसार में एक आदर्श संस्था होगी । तब मौज से एक शब्द निकाला गया जिसकी पहली कड़ी थी-------" बढ़त सत्संग अब दिन अहा हा हा ओहो हो हो। (पुनः प्रकाशित- प्रेम प्रचारक 27 सितंबर, 1976)
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**
[26/03, 10:13] +91 94162 65214: मान लिया जाये कि हजार वजह हैं हमारे पास भजन सिमरन न कर पाने के और वो एक वजह तो ढूँढ़ लो जिसमें हम भजन सिमरन
🙏राधास्वामी🙏*
*राधास्वामी कहने में कितना करिश्मा हैं...*
*राधास्वामी कहने से-* मन हलका हो जाता है...
*राधास्वामी कहने से-* नकारात्मक विचार नहीं आते...
*राधास्वामी कहने से-* पीड़ा शांत हो जाती है...
*राधास्वामी कहने से-* खुशी उमड़ पड़ती है...
*राधास्वामी कहने से-* गम कोसो दूर चले जाता है...
*राधास्वामी कहने से-* मान-सम्मान बढ जाता है...
*राधास्वामी कहने से-* ताज़गी का एहसास होता है...
*राधास्वामी कहने से-* बिगड़े काम बनते हैं...
*राधास्वामी कहने से-* भजन सिमरन में बरकत आती है...
*राधास्वामी कहने से-* मानसिक बल मिलता है...
*राधास्वामी कहने से-* मोक्ष और मुक्ति मिलती है...
*राधास्वामी कहने से-* हर सपने साकार होते हैं...
*🙏राधास्वामी🙏*
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
।।।।।।।।
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