प्रस्तुति अरूण अगम यादव
[20/03, 03:01] +91 94162 65214: राधास्वामी!! 20-03-2020 आज सुबह के सतसंग में पढे गये पाठ :-
(1) राधास्वामी आय प्रगट हुए जब से। राधास्वामी नाम सुनावें तब से।। मैं चकोर राधास्वामी चंद से। मैं कँवला राधास्वामी भान से।। (सारबचन-शब्द-चौथा,पृ.सं.56)
(2) सुरतिया परख रही। घट में गुरु दया अपार।। (प्रेमबानी-2,शब्द-88,पृ.सं. 206) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
राधास्वामी!! 20-03-2020
आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) आज मैं पाया दरस गुरु प्यारे।। टेक।। (प्रेमबानी-3-शब्द-8,पृ.सं. 200)
(2) संत में यार प्रगट है इधर आओ यहाँ ढूंढो।। तेरे घट में छिपा बैठा इधर आओ यहाँ ढूंढों।। (प्रेमबिलास-शब्द-84,पृ.सं. 118-19)
(3) सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा-कल से आगे।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
*राधास्वामी!! 20 -03 -2020 :-
आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-
कल से आगे
-( 86 )
यह मन बड़ा चालाक है। बाज लोग कंबल ओढ़ कर मक्खियों के छत्ते से शहद निकालते हैं, ऐसे ही बहुत से आदमी जाहिरी सादगी व दीनता का लिबास पहनकर अपने लिए दुनिया के सुख के सामान बहम पहुंचाया चाहते हैं ।सत्संगी को मन के इस फरेब से होशियार रहना चाहिए ।
इसके लिए मुनासिब है कि अपने हर काम सफाई पर ईमानदारी से करें और मौज से जो कुछ खाने व ओढने के लिए मिले उसे खुशी से मंजूर करें। लेकिन याद रखें कि लाखों की आमदनी रहते हुए चार पैसे में गुजर करना कंजूसी व कमबख्ती भक्ति की अलामत है और चार पैसे की आमदनी मंत्री रहते हुए लाखों के खर्च का ख्याल उठाना मूर्खता व हविस की निशानी है ।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
( सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा)*
राधास्वामी राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
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