चाय के दौरान प्रेसीडेन्ट आर.एस. सभा द्वारा विचार अभिव्यक्त करने के पश्चात् परम पूज्य हुज़ूर ने दयाकर निम्न टिप्पणी की -
'
Evolutionary Ultimate Reality' मेरे विचार में स्थिर Phenomenon नहीं है बल्कि dynamic या kinetic (गतिशील या गत्यात्मक) संतुलन है जो सदा से evolutionary तरीक़े से अपने में नवीनीकरण करता रहा है जिससे समस्त सृष्टि को लाभ पहुँचता है। इसलिए इसे 'The ultimate Reality' के रूप में न देख कर इसके गतिशील व गत्यात्मक संतुलन व सदा नवीनीकरण की विशिष्टता पर विचार करना चाहिए। 'The' शब्द का प्रयोग करने पर हमें उसी तरह कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है जैसा कि वैज्ञानिकों को आज भौतिक जगत या मानसिक जगत (cognitive world) में करना पड़ रहा है। यद्यपि इसे 'Ultimate Relaity'का शीर्षक दिया गया है किन्तु इसका विकास स्थिर फ़्रेमवर्क -विद्युत स्थिर (Electrostatic) या द्रव्य स्थिर फ़्रेमवर्क से हुआ है। यह बेहतर होगा कि इसे निरन्तर सीखने की प्रक्रिया तथा नव उर्जा प्रक्रिया (refreshing process) के रूप में देखा जाए। हमें परम पिता तक केवल पहुँचना या उससे मेल ही नहीं करना है बल्कि हमें इसे (यह स्थिति) सदा के लिए बनाए रखने की भी आवश्यकता है। इसलिए गतिशील या गत्यात्मक निरन्तर संतुलन को बनाए रखने के लिए हमें अपनी निरन्तर सीखने की प्रक्रिया पर विशेष बल देना होगा। धन्यवाद
राधास्वामी अभी, हमेशा व सदा के लिए।
No comments:
Post a Comment