**राधास्वामी!! - 02-09-2021-आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) गुरु नाम रटूँ अँग अँग से।
गुरु आरत करूँ उमँग से।।-
(स्रुत लगी जाय सोहँ से।
राधास्वामी छुडाया अहँग से।।) (सारबचन-शब्द-9-पृ.सं.765-
विशाखापट्टनम दयालनगर ब्राँच-अधिकतम् उपस्थिति-88) (2) अहो हे दयाला सतगुरु,
मेरी सुरत चढा दो,
जग में तपन घनेरी।।टेक।।
-(राधास्वामी मेहर से अधर चढाया।
अद्भुत सुख घट में दिखलाया।
सब दुख दूर टले री।।)
(प्रेमबानी-3-शब्द-3-पृ.सं.149,150)
सतसंग के बाद:- (1) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।(प्रे.भा. मेलारामजी-फ्राँस)
(2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।. (प्रे. ब. हुस्नआरा -सुपुत्री-स्व.प्रे.ब. मुन्नु बहिन जी!)
(3) Dr.Anna Horatschek's Poem.
(4) राधास्वामी मूल नाम।
(5) राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफल कर ले।
राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफलतर कर ले।
राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफलतम कर ले।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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