**राधास्वामी! 04-09-2021-आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
अहो मेरे प्यारे सतगुरु ,
अचरज शब्द सुनाचं दो ,
धुन में सुत अटके ॥ टेक ॥
काल करम मोहि अति भरमाते ।
मन इंद्री बहु बिघन लगाते ।
भोगन में भटके ॥१ ॥
दया करो मेरे सतगुरु प्यारे ।
मेहर से लो मोहि आज सम्हारे ।
जगत भाव झटके ॥२ ॥
दिन दिन प्रीति बढ़े तुम चरनन ।
काट देव बंधन तन मन धन ।
सुरत अधर सटके ॥३ ॥
सुन सुन धुन नभ ऊपर धावे ।
गगन जाय धुन गरज सुनावे ।
सुन में जाय मटके ॥४ ॥
धुन मुरली और बीन बजावे
अलख अगम धुन अधिक सुहावे ।
रही राधास्वामी रट के ।।५।।
(प्रेमबानी-3-शब्द-5-पृ.सं.151,152) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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