Tuesday, March 3, 2020

आज 03/03 का दयालबाग मे सुबह - शाम का सत्संग





प्रस्तुति - विनस/ सोनी सिन्हा

[03/03, 03:31] +91 94162 65214: *राधास्वामी!! 03-03-2020-                        आज सुबह के सतसंग में पढे गये पाठ:-                                                                               (1)  मैं प्यारी प्यारे राधास्वामी की। गुन गाऊँ उनका सार।। मैं प्यारी प्यारे राधास्वामी की। अगम सुख पाया नही शुमार।। (सारबचन,शब्द-दूसरा,पृ.न.45)                                                                                  (2) सुरतिया  भाग   भरी।  आज गुरू दरशन रस लेत।। चित्त में धर बिस्वास गुरु का। जीत काल से खेत।।(प्रेमबानी-2,शब्द-80,पृ.न.198) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻*
[03/03, 14:58] +91 94162 65214: *राधास्वामी!!                                                03- 03 -2020 :-                                        आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन -कल से आगे- बचन न. (73) का शेष भाग:- ख्याल करो कि अगर पृथ्वी के मध्याकर्षसणशक्ति सिर्फ उन लोगों पर असर करें जो उससे वाकिफ हों तो दुनिया का क्या हाल होगा ? मालिक ने इंसान को अक्ल दी है जिसको इस्तेमाल करते इंसान सृष्टिनियमों को बखूबी समझ सकता है । इसको चाहिए कि अपनी अकल का मुनासिब इस्तेमाल करें और जानबूझकर किसी सृषटिनियम को ना तोड़े और नियमों का पालन करके सुख के साथ जिंदगी बसर करें ।मां का दृष्टांत दिया जाता है कि वह गलत है। अगर माता अपने नादान बच्चे को कोई कसूर करने पर सजा नहीं देती तो उसकी वजह उसका मोह है ।अगर ऐसा न होता तो माताएं गैरों के बच्चों के नुकसान करने पर भी शांत नजर आतीं। खुलासा यह है कि सृष्टिनियम संसार का कारखाना चलाने, मनुष्य की बुद्धि जगाने और मनुष्य की सहायता करने के निमित्त बनाए गए हैं और अगर उनके उल्लंघन करने पर सजा ना मिले तो उनसे कोई मतलब नहीं निकल सकता।।                🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻 (सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा)*
[03/03, 14:58] +91 94162 65214: *राधास्वामी!!  03-03-2020-                      आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ:-                    (1) कैसे गाऊँ गुरु महिमा, अति अगम अपार।।टेक।। (प्रेमबानी-3,शब्द-1(प्रेम तरंग,कजली) पृ.न.190)                                                      (2) सुनकर बिनय नवीन  मेहर स्वामी को आई। जीवन के हित अर्थ। बचन यों बोल सुनाई।।(प्रेमबिलास-शब्द-76,(उत्तर),पृ. न.106)                                                             (3) सतसंग के उपदेश -भाग तीसरा।।।                                                                                    🙏🏻राधास्वामी🙏🏻*


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