... * *मौज लो "*रोज लो *नहीं मिले तो ख़ोज लो*.* ★
एक गिलहरी रोज अपने काम पर समय से आती थी, औरअपना काम पूरी मेहनत व ईमानदारी से करती थी.गिलहरी जरुरत से ज्यादा काम कर के भी खूब खुश थी, क्योंकि उसके मालिक यानी
जंगल के राजा शेर ने उसे दस बोरी अखरोट देने का वादा कर रखा था गिलहरी जब काम करते-करते थक जाती, तो सोचती थी, कि थोडा आराम कर लूँ,वैसे ही उसे याद आता कि ...
शेर उसे दस बोरी अखरोट देगा. गिलहरी फिर काम पर लग जाती.
वह गिलहरी जब दूसरे गिलहरियों को खेलते देखती थी, तो उसकी भी इच्छा होती थी, कि मैं भी खेलूँ, पर उसे अखरोट याद आ जाता, और वो फिर काम पर लग जाती.
ऐसे ही समय बीतता रहा ....
एक दिन ऐसा भी आया जब शेर ने गिलहरी को दस बोरी अखरोट देकर आज़ाद कर दिया गिलहरी अखरोट के पास बैठ कर सोचने लगी, कि अब ...अखरोट मेरे किस काम के. पूरी जिन्दगी काम करते-करते दाँत तो घिस गये, इन्हें खाऊँगी कैसे ?
यह कहानी आज के जीवन की हकीकत बन चुकी है.इन्सान अपनी इच्छाओं का त्याग करता है, पूरी ज़िन्दगी नौकरी, व्यापार और धन कमाने में बिता देता है.
60 वर्ष की उम्र में ... जब वो सेवा निवृत्त होता है, तो उसे
उसका जो फन्ड मिलता है, या बैंक बैलेंस होता है, तो उस भोगने की क्षमता खो चुका होता है.
तब तक जनरेशन बदल चुकी होती है,परिवार को चलाने वाले
बच्चे आ जाते है.
क्या इन बच्चों को इस बात का अन्दाजा लग पायेगा, कि ...
👇 इस फंड, इस बैंक बैलेंस के लिये कितनी इच्छायें मरी होंगी.
कितनी तकलीफें मिली होंगी.कितनें सपने अधूरे रहे होंगे.
क्या फायदा ऐसे फन्ड का,
बैंक बैलेंस का, जिसे पाने के लिये पूरी ज़िन्दगी लग जाये, और मानव उसका भोग खुद न कर सके.
*इस धरती पर ऐसा कोई अमीर अभी तक पैदा नहीं हुआ, जो* *बीते हुए समय को खरीद सके*. इसलिए हर पल को खुश होकर जियो.व्यस्त रहो, पर साथ में ... मस्त रहो ~ सदा स्वस्थ रहो ★
*BUSY रहो, पर BE-EASY भी रहो*.
व्यस्त रहो, पर अस्त-व्यस्त न रहो
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