प्रस्तुति - अरुण-अगम यादव
*राधास्वामी!!
02- 3 -2020
:-
आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन -
कल से आगे-बचन न.73 का भाग:-
इसके अलावा गौर करना चाहिए कि अगर सजा सिर्फ सृष्टि नियमों से वाकिफ लोगों ही को दी जाए तो इसके यह मानी होंगे कि आइंदा आग किसी बच्चे को न जलावे जो सृष्टिनियमों से नावाकिफ है और चूँकि जब तक किसी बच्चे को जलने का तजरूबा नही हो जाता उसे समझ ही नही आती कि जलना क्या होता है इसलिए नतीजा यह होगा कि रफ्ता-रफ्ता आग से जलने का अमल कतई छूट जाएगा और चूँकि दुनिया का यह जड मसाला भी अज्ञानता के कारण जलने से सुरक्षित रखना होगा । इसलिए एक दिन दुनिया से जलने का अमल ही उठ जावेगा और इसी तरह सृष्टि के दूसरे सभी काम बंद करने होंगे, जो सरासर लग्व है। बरखिलाफ इसके इस वक्त का इंतजाम यह है कि सृष्टिनियम अपना काम करते हैं, जो उनसे जानकार होकर काम लेता है उसकी वे पूरे तौर सेवा करते हैं, और जो किसी वजह से उनका उल्लंघन करता है उसको बिना किसी रु व रियायत के नुकसान पहुंचाते हैं और अटल रहते हैं, और इस स्वभाव ही की वजह से वे नियम कहलाते हैं और दुनिया के सब इल्म और खुद दुनिया का वजूद कायम है।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻
(सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा)*
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