[04/03 राधास्वामी/ राधास्वामी!!
04-03- आज सुबह के सतसंग में पढे गये पाठ:-
1. मैं प्यारी प्यारे राधास्वामी की। गुन गाऊँ उनंका सार।। मैं प्यारी प्यारे राधास्वामी की। करूँ मैं गुरु संग बहुत पियार।।(सारबचन-शब्द दूसरा,पृ. न. 46-47)
(2) सुरतिया अभय हुई। घट में गुरु दरशन पाय।। (प्रेमबानी-2,शब्द-81,पृ. न. 198)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻*
[04/03, 15:08] +91 94162 65214
: *राधास्वामी!! 04-03-2020-
आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) कैसे मिलूँ री पिया से चढ गगन गली।। टेक।। (प्रेमबानी-3,शब्द-2,पृ.न. 191)
(2) सुनकर बिनय नवीन मेहर स्वामी को आई। जीवन के हित अर्थ बचन यों बोल सुनाई।। कुछ दिन लाये खाय असर जो बूटी लावे। तन का रोड असाध सहज में कटता जावे।।
(प्रेमबिलास-शब्द-76,पृ.न. 107)
(3) सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा-कल सेआगे।।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻*
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04 -03- 2020 -
आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-
कल से आगे
:-(74 ) -
अगर कोई शख्स यह उम्मीद करता है कि सत्संग दुनिया में बड़े-बड़े कॉलेज कायम करें या बड़े-बड़े कारखाने चलावे तो यह उसकी जबरदस्ती है।
सत्संग का जन्म जीवो को सच्चे परमार्थ का उपदेश करने और उसकी कमाई में मदद देने के लिए हुआ है । पढ़ाई, लिखाई और आर्थिक सिद्धि के संस्थाओं और संसार के कारोबार से सत्संग का सिर्फ उस हद तक संबंध रहेगा जहां तक के सच्चे परमार्थ के प्रचार व उन्नति में सहायक है।। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
(सत्संग के उपदेश भाग तीसरा)*
राधास्वामी
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