प्रस्तुति - सपन कुमार
*ग्रेशस हुज़ूर डा. प्रेम सरन सतसंगी साहब का महत्वपूर्ण बचन*
*परम गुरु हुज़ूर मेहताजी महाराज केभंडारे के अवसर पर (14.3.2004) परम गुरु हुज़ूर मेहताजी महाराज ने रोज़गार के विषय में भी ज़िक्र किया। अभी रीजन्स में, डिस्ट्रिक्ट्स में ब्रांचेज़ में समस्या निवारण समितियाँ पुनर्गठित हुई हैं या हो रही हैं पर मैं आपसे निवेदन करूँगा कि इसमें आप पहल करें। आप समस्याओं को अपने पास पहुँचने के पहले ही यह पता करें कि समस्या कहाँ है और उसका उन्मूलन कैसे किया जा सकता है। ब्राँच के जितने भी सतसंगी हैं जिनका नाम फ़ार्म-ए पर दर्ज़ है उनके बारे में आपको पता होना चाहिये कि वह कैसे अपना जीवन यापन करते हैं। केवल फ़ार्म-ए पर नाम दर्ज कराते वक़्त नहीं बल्कि हर साल यह बात हमारे सगंठन, सतसंग संगठन को पता करने की ज़रूरत है कि कौन सा सतसंगी किस तरह से जीवन बिता रहा है। अगर वह शिक्षित है और बेरोज़गार है तो एक तरह की समस्या हुई, अगर वो अशिक्षित है और इसलिए बेरोज़गार है तो दूसरे तरह की समस्या हुई। अर्ध शिक्षित है और बेरोज़गार है तो उसको ऐसे व्यवसाय की शिक्षा देने की आवश्यकता है जिससे उसको रोज़गार मिल सके। और अगर किसी ने शिक्षा नहीं ग्रहण की है, तो आपकी यूनिट्स हैं, इण्डस्ट्रीज़ हैं, उनमें उसको कुछ ऐसा व्यवसाय सिखा दिया जाये कि उसके माध्यम से वह अपना जीवन यापन कर सके।*
//////////////////
ऐसे दया मेहर भरे वचन सुनने के बाद हम सभी सत्संगी भाई बहनों का यह फर्ज बन जाता है कि हम अपने शिक्षित/अशिक्षित बेरोजगार भाई बहनों के लिए कुछ ना कुछ काम या नौकरी की ऐसी व्यवस्था करें जिससे उनका अच्छे से जीवन यापन हो सके । ब्रांच के सभी भाई बहनों से यह विनम्र विनती की जाती है यदि आप किसी पढ़े लिखे बेरोजगार या अशिक्षित बेरोजगार को आप अपनी तरफ से कोई काम या नौकरी की व्यवस्था करते हैं तो बहुत अच्छा है , इससे मालिक की भी हमें खुशी प्राप्त होती है। यह भी आपकी सेवा का ही एक पार्ट होगा। इस बारे में आप अपने ब्रांच सेक्रेटरी से या दयालबाग एपैक इंचार्ज प्रेमी भाई कोडा जी 9219695960 से संपर्क कर सकते हैं।
*राधास्वामी*
No comments:
Post a Comment