प्रस्तुति - दिनेश कुमार सिन्हा
*ब्रह्मांड पुराण के अनुसार हनुमान जी के सगे 5 भाई थे*-----
*ब्रह्मांड पुराण में हनुमान जी से जुड़ी इन बातों के विषय में विस्तारपूर्वक बताया गया है. ब्रह्मांड पुराण के अनुसार हनुमान जी के सगे 5 भाई थे. और उनके पांचों भाई विवाहित थे. और उनके बच्चे भी थे.*
*ब्रम्हांडपुराण के अनुसार हनुमानजी के पिता वानर राज केसरी के 6 पुत्र थे. जिनमें हनुमान जी सबसे बड़े थे. उनके बाद क्रमशः* *मतिमान, श्रुतिमान*, *केतुमान, गतिमान तथा*
*धृतिमान थे. हनुमान जी के पांच भाइयों के वंश वर्षों तक चले. इसी* *ब्रह्मांडपुराण ग्रंथ में बजरंगबली के माता और पिता का विवरण मिलता है. बजरंगबली के पिता केसरी का विवाह अंजना से हुआ था, केसरी वानर राज थे*
*ब्रह्मांड पुराण में इस बात को विस्तार से बताया गया है कि, कुंजर की पुत्री अंजना बेहद ही रूपवती थीं और इन्हीं के गर्भ से प्राण स्वरूप वायु के अंश बजरंगबली का जन्म हुआ था. और हनुमान जी के अन्य भाइयों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है.*
वहीं, राम चरितमानस में कहा गया है कि भगवान श्रीराम भी हनुमान जी के भाई थे। कथा के अनुसार, राजा दशरथ की तीन रानियां थीं लेकिन संतान सुख के अभाव के कारण दशरथ जी दुःखी थे। गुरु वशिष्ठ की आज्ञा से दशरथ जी ने श्रृंग ऋषि को पुत्रेष्टि यज्ञ करने के लिए आमंत्रित किया गया। यज्ञ के सम्पन्न होने पर अग्निकुंड से दिव्य खीर से भरा हुआ स्वर्ण पात्र हाथ में लिए अग्नि देव प्रकट हुए और दशरथ से बोले, ‘‘देवता आप पर प्रसन्न हैं। यह दिव्य खीर अपनी रानियों को खिला दीजिए। इससे आपको चार दिव्य पुत्रों की प्राप्ति होगी।
राजा दशरथ शीघ्रता से अपने महल में पहुंचे। उन्होंने खीर का आधा भाग महारानी कौशल्या को दे दिया। फिर बचे हुए आधे भाग का आधा भाग रानी सुमित्रा को दिया इसके बाद जो शेष बचा वह कैकयी को दे दिया। सबसे अन्त में प्रसाद मिलने से कैकयी ने क्रोध में भरकर दशरथ को कठोर शब्द कहे। उसी समय भगवान शंकर की प्रेरणा से एक चील वहाँ आयी और कैकयी की हथेली पर से प्रसाद उठाकर अंजन पर्वत पर तपस्या में लीन अंजनी देवी के हाथ में रख दिया। प्रसाद ग्रहण करने से अंजनी भी राजा दशरथ की तीन रानियों की तरह गर्भवती हुई।
समय आने पर दशरथ के घर राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। दूसरी और अंजनी ने श्री हनुमानजी को जन्म दिया। इस तरह प्रगट हुए संकट और दुःखों को दूर करने वाले राम और हनुमान। एक ही खीर से राम और हनुमान का जन्म होने से दोनों भाई माने जाते हैं।
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