**राधास्वामी!!
23-05 -2020-
आज शाम के सत्संग में पढ़े गए पाठ:-
(1) राधास्वामी दाता दीनदयाला किया भारी उपकारा हों।।टेक।।
सुरत लगार शब्द सँग धाऊँ। निरखूँ जोत उजारा हो।। ( प्रेमबानी -भाग तीन -शब्द 2- पृष्ठ संख्या 263)
(2) हित की बात खोल कहूँ प्यारे गुरु पूरे का खोज लगाना।। टेक।। (प्रेमबिलास- शब्द 119 -पृष्ठ संख्या 175 )
(3 ) सत्संग के उपदेश -भाग तीसरा- कल से आगे।।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!!
आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन
- कल से आगे-( 144)
कहने को तो हर कोई कहता है कि वह फुलाँ मजहब का मानने वाला है मगर किसी मजहब का सच्चा पैरों होना निहायत मुश्किल है। जिसका विश्वास सच्चा है उसके अंदर दो अलामते मौजूद होनी चाहिए- अव्वल यह कि उसे दुनिया के दुख व रंज दिक न कर सके, दोयम् यह कि बिला संसार के धन व ऐश्वर्य की प्राप्ति की उसकी तबीयत में हर वक्त खास किस्म की खुशी कायम रहे। गौर का मुकाम है जब किसी को मालिक से मिलने या संसारी दुखों से हमेशा के लिए नजात पाने की राह मिल गई तो फिर उसके दिल में दुनिया की ऊँच नीच हालतों का असर क्यों हो? जब किसी को दस पाँच हजार रुपये मिल जाते हैं वह फूला नही समाता तो जब किसी को परम व अविनाशी सुख के धाम की सड़क मिल जाए उस मुकाम से आए हुए या उस मुकाम तक पहुंचे हुए किसी कामिल पुरुष की शरण प्राप्त हो जाय,उसके हृदय का कमल क्यों हर वक्त खिला न रहे?
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻
सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा।।**
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
।।।।।।।।।।
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