**राधास्वामी!!
31-05-2020-
आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-
(1) गगन में बाजत आज बधाई ।।टेक।। कुल मालिक राधास्वामी प्यारे । संत रूप धर आए। जगत में भक्ति रीति चलाई ।।(प्रेमबानी- भाग तीन -शब्द -3, पृष्ठ संख्या 270 )
(2) भूल पडी जग माहिं भरम बस जिव भयो। निज घर सुधि बिसराय जगत सँग लग रह्ये।। हंसा दुखिया देख दुखी मन बहू रहे। हंसा सुने न बात जतन कोई क्या करें।।( प्रेमबिलास- शब्द 123- पृष्ठ संख्या 179)
(3) सत्संग के उपदेश -भाग तीसरा- कल से आगे । 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!! 31-05- 2020 -आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे -(150) अगर सत्संग की तालीम आमतौर मंजूर व मकबूल हो जाए तो आप से आप दुनिया के सभी कष्ट दूर हो जायँ। चूँकि सत्संग की तालीम मुसावात पर जोर देती है इसलिए लाजमी है कि इस तालीम के प्रचार के लिए सत्संग का अधिष्ठाता एक ऐसी हस्ती हो जो अमीर व गरीब, गोरे व काले को एक दृष्टि से देखें । बिला अधिष्ठाता की वैसी दृष्टि के दूसरे लोग कभी मूसावात का सबक सीख नहीं सकते । सत्संग के अधिष्ठाता के ऐसा होने से सभा के सब सभासदों को भी निष्पक्ष होना होगा । और जैसे पिछले जमाने में राजाओं व बादशाहों के नेक ख्यालात की खबरे सुनकर दुनियाभर के नेकख्याल और काबिल आदमी आप से आप उनके दरबार में चले आते थे इसी तरह सत्संग की मुसावात की तालीम व मुसावात की जिंदगी की खबर पाकर जगह-जगह से फिल्सफी व रिफार्मर सत्संग में शरीक होंगे जिनकी मार्फत आजकल के फिजूल और सनसनीखेज किस्सों के बजाय दुनिया में अमन-चैन व मुसावात फैलाने वाले लिटरेचर की इशाअत होगी और घर-घर मुसावात का प्रचार होने से मर्दों व औरतों की जिंदगी ज्यादा सुखदायक होगी और इस जमाने में कायदे व कानून, जिनसे आमतौर मर्द व औरते दुखी हो रहे हैं , मनसूख हो जायँगे और हर किसी को काफी आजादी की जिंदगी बसर करने का मौका मिलेगा। सतसंग की तालीम न किसी पर जुल्म व सख्ती करना सिखलाती है, न किसी को दौलत व जायदाद से महरुम कराया चाहती है। सब इंसान, चाहे उनका मजहब कुछ ही हो और वे किसी नस्ल से हों, पूरी आजादी से जिंदगी बसर करने के हकदार है बशर्ते कि वे अपने तईं दूसरों के लिये मुजिर न बनावें।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻
सत्संग के उपदेश -भाग तीसरा।**
राधास्वामी
राधास्वामी
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