Wednesday, May 27, 2020

27/05 को शाम के सत्संग में पढ़ा गया पाठ - बचन




**राधास्वामी!!

 27-05-2020-

 आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ:-                           

(1) राधास्वामी दयाल सुनो मेरी बिनती। जल्दी दरस दिखाओं हो।।टेक।। (प्रेमबानी-3-शब्द-5,पृ.सं.266)                                                                                 

 (2) गुरु दयाल(मेरे दयाल) अब सुधि लेव मेरी।मँझधारा में पडी है नैया डूबन में नहिं देरी।।टेक।। (प्रेमबिलास-शब्द-121-पृ.सं.177)                                                         

(3) सतसंग के उपदेश-भाग-तीसरा-कल से आगे।

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**राधास्वामी!! 

                                  

 27-05 -2020-

आज शाम के सतसंग में पढा गया बचन

- कल से आगे
-( 147)

 इंसान को कितना ही समझाओ लेकिन वह अपनी वासनाओं का गुलाम होने की वजह से एक नहीं सुनता । बाज वक्त उसका दिमाग किसी बात को समझ भी लेता है लेकिन उसका दिल उसे कबूल नहीं करता।।                                 
जिक्र है कि एक कैदी बड़ा कमीना और बड़ा पेटू था । उसने अपनी बद हरकतों से दूसरे कैदियों की नाक में दम कर रक्खा था। कैदियों के शिकायत करने पर काजी साहब ने उसे रिहा कर दिया और हुकुम दिया कि वह तमाम शहर में गश्त कराया जावे और लोगों को पुकार कर सुनाया जाए कि यह शख्स निहायत कमीना है । कोई उसका एतबार न करें, न उसे उधार दे, न उससे पैसा वसूल होने की उम्मीद रक्खें ।

काजी साहब के मुलिजिमों ने किसी ऊँट वाले का एक ऊँट पकड़ लिया और कैदी को उस पर सवार करके दिन भर शहर की गश्त कराई और मुख्तलिफ जबानों में पुकार पुकार कर उसकी बद सिफात लोगों को सुनाई ताकि सब लोग वाकिफ व मुहतात( होशियार) हो जाएँ। शाम को गस्त खत्म हुई। बेचारा ऊँट वाला पैदल ऊँट के साथ साथ चलता रहा ।


 गश्त खत्म होने पर जब उसे ऊँट वापस किया गया तो उसने कैदी से कहा-भाई! अब रात होने को है मेरा घर दूर है , मैं घर वापिस नहीं जा सकता , मैं ऊँट के दाने का दाम तो छोडता हूं लेकिन घास का दाम तो दिलवा दो।  कैदी ने जवाब दिया- ताज्जुब है कि तुम दिन भर मेरी निस्बत जो कुछ पुकार पुकार कर सुनाया गया सुनते रहे और जानते हो कि मैं सख्त नादिहन्द हूँ  लेकिन फिर भी तुम मुझसे घास के लिये दाम माँगते हो।  कैदी ने हजार समझाया लेकिन ऊँट वाले को मुतलक असर न हुआ और वह रात भर घास के लिए दाम माँगता रहा।

यही हाल आमतौर इंसानों का है कि दिन रात दिमाग से उपदेश सुनते हैं और बहुत सी बातें समझते हैं लेकिन करते वही है जो उनका दिल चाहता है।।                                                               
  🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
                                 
  सतसंग के उपदेश- भाग तीसरा।।**

राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी दयाल की दया राधास्वामी सहाय राधास्वामी
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।






No comments:

Post a Comment

बधाई है बधाई / स्वामी प्यारी कौड़ा

  बधाई है बधाई ,बधाई है बधाई।  परमपिता और रानी मां के   शुभ विवाह की है बधाई। सारी संगत नाच रही है,  सब मिलजुल कर दे रहे बधाई।  परम मंगलमय घ...