राधास्वामी!!
11-05-2020- आज शाम के सत्संग में पढ़े गए पाठ:-
(1) मोहि दरस देव गुरु प्यारे । क्यों एती देर लगइयाँ।। (प्रेमबानी- भाग -3- शब्द-7, पृष्ठ.सं. 251 )
(2) मन मोरा गुरु संग लाग हो।।टेक।। (प्रेमबिलास- शब्द -111- पृष्ठ संख्या 166)
(3) सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा - कल से आगे।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
राधास्वामी!! 11-05 -2020 -
आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन
- कल से आगे-( 134 )
सत्संगी की चाल सच्चे आशिक या प्रेमी की सी होती है। जाहिद अपनी तसबीह के दाने हाथ में संभालता है और आबिद आसमान की तरफ खाली हाथ फैला कर दुआएँ मांगता है लेकिन प्रेमी जन सच्चे मालिक की भक्ति के जाम भर भर कर पीता है। जिनके दिल में प्रेम की चिनगी मौजूद नहीं है अगर वे किसी वजह से सत्संग में शरीक हो गए तो क्या? सत्संग के लुत्फ से बेबहरा है। जो दुनिया के कामों से मोहब्बत करें या दुनिया के भोग बिलास को अजीज रक्खें या अपनी खूबियां देख व सुनकर खुश हो और गाफिल रह कर जिंदगी बसर करें। वह सच्चा प्रेमी नहीं है।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
सत्संग के उपदेश -भाग तीसरा
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी।।
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