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*राधास्वामी!! 06-12-2020 (रविवार) आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) शब्द की करो कमाई दम दम। शब्द सा और न कोई हमदम।।-(सुरत फिर चढी वहाँ से धम धम। सुन्न में पहुँची लई धुन छम छम।।) -(सारबचन-शब्द-6-पृ.सं.219,220)
(2) अधर चढ सुनो शब्द की गाज।।टेक।। शब्द धार घट में नित जारी। उमँग सहित सुनो चित दे आज।।-(राधास्वामी दरस पाय हरखानी। दया मेहर का पहिरा ताज।।) (प्रेमबानी-2-वब्द-19-पृ.सं.360-361) सतसंग के बाद विद्यार्थियों के द्वारा पढे गये पाठ:-
(1) आज गुरु आये जग तारन। अहा हा हा ओहो हो हो।। रुप उन धारा मनभावन। अहा हा हा ओहो हो हो।।(प्रेमबानी-2-पृ.सं.411) (2) हर सू है आशकारा जाहिर जहूर तेरा। हर दिल में बस रहा है जलवा व नूर तेरा।।(प्रेमबिलास-शब्द-136-पृ.सं.200)
(3) कौन सके गुन गाय तुम्हारे। कौन सके गुन गाये जी।।टेक।। (प्रेमबिलास-शब्द-24-पृ.सं.29)
(4) मन रे क्यों न धरे गुरु ध्याना। तज मान मोह अज्ञाना।।(प्रेमबानी-3-शब्द-25-पृ.सं.369)
(5) तमन्ना यही है कि जब तक जिऊँ। चलूँ या फिरूँ या कि मेहनत करूँ।। पढूँ या लिखूँ मुहँ से बोलूँ कलाम। न बन आये मुजसे कोई ऐसा काम।। जो मर्जी तेरी के मुवाफिक न हो। रजा के तेरी कुछ मुखालिफ जो हो।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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