🙏🏻🌹🙏🏻 *राधास्वामी 🌹🌹अपना आचरण सुधारिये ग्रेशस हुज़ूर प्रो. प्रेम सरन सतसंगी साहब का सतासंगी समाज जमात के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण चेतावनी / परामर्श 🌹
(*14.9.2014 को सायं*)
*काल सतसंग में -कुछ ॶशंं🌹🌹🌹🌹*
*राधास्वामी...मैं आप*लोगों से कुछ जरुरी बातें अर्ज करना चाहता हूँ,* *🌹दयालबाग जीवन शैली के विषय में, कुछ दिन पहले मैंने कुछ विचार आपके*
*सामने प्रस्तुत किये थे* *🌹दयालबाग को स्थापित हुए सौवा साल चल रहा है, उसका समारोह भी*
*मनाया जा रहा है,* *🌹आप यहाँ की जीवन शैली का समय समय पर निरुपण भी*
*करते हैं, और जो*
*कार्यक्रम आप उपस्थित करते हैं उन*
*सब में आप उनके प्रति अपनी आस्था भी*
*प्रकट करते हैं,*
*पर व्यवहार में क्या हो*
*रहा है, इस बात पर*
*निगाह की? कौन जवाब देह है, 🌹आप ये मत समझिये कि राधास्वामी दयाल की*
*नज़र से कोई चीज छिपी है, आप अपना*
*कर्तव्य नहीं कर रहे हैं*
*दयालबाग में समझते*
*है कि आप बहुत बड़ी*
*सेवा कर रहे हैं,*
**दयालबाग जो आपको* *उसके एवज में देता है*
*वो कही अधिक मूल्य*
*का जीवन जीने का*
*अवसर देता है,* *यह*
*आपको समझ में नहीं*
*आता है,जो दयालबाग के बाहर के सतसंगी भी आते हैं*
*उनका भी आचरण इसी तरह का है, अपने खर्चे में कोई कमी नहीं है, उनका बेतहाशा ठाठ बाट देख करके यहाँ के लोग भी भरम जाते है उनके पीछे,* *कुछ दिन पहले कुछ साल पहले मैंने कहा था कि शादीयों के अवसर पर आप*
*लोग क्यो पाच सितारा होटल में जा करके*
*रिसेप्शन देते हैं,*
*या जन्म दिनों के अवसर पर क्यो वहाँ जाते हैं,* *🌹उसमें शायद कुछ कमी आ गई है उसकी जगह क्या शुरू हो गया,है*
*वहाँ आपने contractor शादीयों*
*के लिए,जन्म दिनों के अवसर पर लोगों की आवभगत करने के लिए वर्दीधारी पोशाक**
*पहने खानसामो के साथ बुला लिया, एक एक पलेट का दाम 300 रुपये से500 रुपये आप देते हैं,* *🌹शादीयों में प्रतिबंध*
*है कि इससे अधिक लोग नहीं बुलाये जाय*
*शादी के सिलसिले में जब आप कोई भोज देते है क्या आप उसे मानते हैं,*
*जो लोग वहाँ भोज खाने जाते हैं, वह भीभोज खा करके आते है,डट के खाते है*
**कुछ नहीं बोलते है,बाहर बहुत बढ़ चढ कर दयालबाग की शिकायत करते हैं,कि यहाँ दयालबाग में यह हो रहा है,कि शादीया 20 हजार में नहीं 20 लाख में हो रही है*
*🌹किसी भी सतसंगी को ऐसे भोज से उठ*
**आना चाहिए,कि ऐसे भोज मेंहम**
*नहीं खाना खायेगे हम नहीं शरीक होगे-क्योआप होते है शरीक, आप भी उसी गलती का साथ दे देते हैं। राधास्वामी दयाल ने इतनी तकलीफ़ करके यहाँ पर डेढ़ सौ*साल से अधिक पूर्व*आम सतसंग जारी किया, इस संसार में रुप धारण कियाअवतार के रूप में धारण किया मनुष्य शरीर,*
*और आपको इस पिंड जाल से छुडाने के लिए सहज रास्ता बताया सुरत शब्द योग का-आपके लिए दयालबाग सथापित कर दिया*
*🌹पर आपका आचरण अगर नहीं सुधरा तो आप समझते हैं कि राधास्वामी दयाल इसी तरह आपके उपर दया और मेहर का हाथ रखेंगे,तो आप गलतफहमी में है, 🌹मै आज आपकोWarning दे रहाहूँ,कि सुधारिए अपने आप को* *🌹समझिये और सोचिए हजारों चीजें है,जिसमें आपकोसमाज की तरफ से बाकी लोगों को रोकना चाहिए,* *🌹सिर्फ बाहर जा करके यह कहना पर्याप्त नहीं है कि दयालबागके नियम क्या है,मेरिज पँचायत वाले कुछ नहीं करते हैं दयालबाग का जो प्रशासन है वह कुछनहीं करता है,* *🌹अरे आप है ना इसके लिए जिम्मेदार,दयालबाग का हर बाशिंदाइसके लिये जिम्मेदार है यही नहीं जितने सतसंगी है दयालबाग के वो सब जिम्मेदार है* *🌹हर एक अपनी पूरी ताकत से और जिम्मेदारी से अपनाक्षफर्ज निभाइये वर्ना* *🌹अगर राधास्वामी दयाल ने अपना रुख बदला तब आपकीसमझ में आ जायेगाकि क्या और किस तरह से हो सकता है* *🌹वो जब चाहे तब नियत्रंण पूरी तरह से आप के उपर कर सकते हैं,तन मन सुरत आपकी सब उनके अधीन है,यह नहीं समझिये कि इस तरह की छूट बराबर मिलती रहेगी सुधार करिये अपने आचरण में और यह तय कर लीजिये कि कोई भी जो उल्लघन करता है इस तरह से दयालबाग के सिद्धांतों का* *🌹उसका बहिष्कार कीजिये उसके शादी विवाह के समारोह में नहीं शामिल होइये वहाँ से उठ करके आ जाइये, उसकी शिकायत करिये कि इन्होंने ऐसा कियाआप ऐसा नहीं करते हैं, आप खा पी करके सोचते हैं,मैंने कुछ खाया पीया,इसलियज इसके एवज में कुछलिफाफा दे देते हैं, रुपया पैसा दे देते हैं,आपने भी तो वही दुराचार किया,* *🌹ये सब चीजें,सोचिये समझिये,और अपना आचरण सुधारिये।। 🌹राधास्वामी दयाल ने जब निगाह पलटी तो आप मुश्किल में*
*पड़ जायेगें, राधास्वामी*
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*राधास्वामी*
*हम सबको (सतसंगियों) को इससे अधिक क्या चेतावनी मिलेगी। ताकि हम अपने को सुधार सके।*
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