राधास्वामी!! 27-03-2021- आज शाम सतसँग में पढे गये पाठ:-
(1) गुरु दयाल अब(मेरे दयाल) अब सुधि लेव मेरी। मँझधारा में पडी है नैया डूबन में नहिं देरी-(राधास्वामी दयाल दया के सागर अपनापन न बिसारो। पाप करम मैं सदा से करता जीव दया चित धारो।।) (प्रेमबिलास-शब्द-121-पृ.सं.177:- राजाबरारी ब्राँच-192 उपस्थिति) (2) राधास्वामी सत मत जिसने धारा। सहज हुआ उन जीव उधारा।। सतगुरु रक्षक तन मन प्रान। सतगुरु देवें भक्ति दान।।-( यही आस बढे दिन दिन मन में। मालिक का दर्शन मिले तन में।।)
(प्रेमबानी-4-शब्द-10-पृ.सं.142,143,144)
(3) यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा-कल से आगे।।
सतसँग के बाद:-
(1) राधास्वामी मूल नाम।।
(2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।
(3) बढत सतसँग अब दिन दिन। अहा हा हा ओहो हो हो। (प्रे. भा. मेलारामजी)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
**राधास्वामी!! 27- 03 -2021
- आज शाम सत्संग में पढ़ा गया बचन-
कल से आगे :-(195)
-(१)- मायाशबल अर्थात् अपर ब्रह्म का एक विशेष लोक है जो चंद्रमा, सूर्य, और बिजली के लोकों अर्थात् पृथ्वी अंतरिक्ष और द्यौःलोक आदि से परे है। और
(२) -मुक्त पुरुष की आत्मा अपर ब्रह्म के लोक में पहुँचकर परब्रह्म का दर्शन करती है।
(३) -मुक्त पुरुष की आत्मा पर ब्रह्म को प्राप्त होकर अपने असली स्वरूप से प्रकट होती है।
(४)-उस दशा में प्रकृति की शक्तियाँ उस पर शासन नहीं करतीं किंतु वह स्वयं राजा बन कर उन पर शासन करती है।
(५)-जैसे दीपक एकदेशीय होते हुए भी अपने प्रकाश के द्वारा कमरे भर में सर्वदेशीय हो जाता हैं ऐसे ही ब्रह्मलोक में स्थित मुक्त आत्मा अपनी ज्ञानवृति के द्वारा सर्व सृष्टि का ज्ञान लेती है अर्थात् अणु (परिमित) होने पर भी विभु अर्थात अनन्त ज्ञान वाली हो जाती है ।
(६)-तो फिर कुलमालिक एकदेशीय रहकर अपनी दिव्य अर्थात् चेतन धारों के द्वारा सारी सृष्टि में व्यापक हो सकता है।
(७)-अपर ब्रह्म रचना के साथ प्रकट होता है और महाप्रलय होने पर गुप्त हो जाता है।
(८)- और उस समय पृथ्वी से लेकर ब्रह्मलोक तक सबके सब लोग सिमट जाते हैं।
(९)- ये सब के सब लोग नाशमान अर्थात् असत् हैं।
(१०)- यदि ईश्वर सच्चिदानंदस्वरूप है तो उसके उस स्वरूप का प्रकाश ब्रह्मलोक से परे किसी सत्य देश या मंडल में होगा। और (११) -अन्य हिंदू शास्त्रों में इस मंडल का उल्लेख नहीं है।उनमें केवल ब्रह्मलोक तक का उल्लेख है और लिखा है कि शुद्ध ब्रह्म का, जो मायाशबल से श्रेष्ठ है, कोई विशेष लोक नहीं है।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
यथार्थ प्रकाश-भाग़ दूसरा-
परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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