आज का भगवद चिन्तन
🕉️ जीवन की जो भी परिस्थितियाँ हमारे अनुकूल नहीं रहीं, हमने चाहे कितना भी कष्ट उन क्षणों में क्यों ना पाया हो। लेकिन वस्तुतः सत्य यही है उन्हीं क्षणों ने हमें आगे बढ़ने को और जीवन के वास्तविक सत्य का अनुभव कराया होगा।
🕉️ प्रतिकूल पलों में व्यक्ति के सोचने का और करने का एक अद्भुत स्तर हो जाता है। सम्मान भी आगे बढ़ने को प्रोत्साहित करता है लेकिन कभी गहराई से बिचार करना, कोई आपके अस्तित्त्व को चुनौती दे तो आप पूरी निष्ठा से अपने आप को सिद्ध करने में लग जाते हो।
🕉️ हम सड़क पर चलते हैं कितने भीड़ और वाहन चल रहे होते हैं फिर भी हम सावधानी पूर्वक अपनी गाड़ी को अपने गन्तव्य तक तो पहुँचा ही देते हैं। आदमी सदैव सोचता है मै कैसे करूँ समय मेरे अनुकूल नहीं है ? अवसरों का इंतिज़ार मत करो अवसरों का निर्माण करो।
[3/9, 18:12] Morni कृष्ण मेहता: *पुण्य किसी को दगा नहीं देता और पाप किसी का सगा नहीं होता जो कर्म को समझता है उसे धर्म को समझने की जरूरत ही नहीं,रिश्तो को अकड नहीं प्यार और विश्वास की पकड चाहिए कोई विश्वास तोड़े तो उसका भी धन्यवाद करें वह हमे सिखाते हैं कि विश्वास बहुत सोच समझकर करना चाहिए,जब ज़िंदगी और सपनों के बीच मोल भाव चल रहा हो तो सपने बेच डालो ज़िंदगी नहीं,क्योंकि ज़िंदगी रहेगी तो सपने फिर खरीद लेना बारिश की बूँदें भले ही छोटी हों लेकिन उनका लगातार बरसना बड़ी नदियों का बहाव बन जाता है वैसे ही हमारे छोटे छोटे प्रयास भी जिंदगी में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं,मुट्ठी दुआओं की माता-पिता ने चुपके से सिर पर छोड़ दी खुश रहो कहकर और हम नासमझ जिंदगी भर मुक़द्दर का अह चिंतन🌷
🌸 जानकारी को ज्ञान नहीं समझना चाहिए क्योंकि जानकारी हौज़ (होद) या नदी है तथा ज्ञान कुआँ या समुद्र है। दूसरों की बुराई देखने से स्वयं के अंदर बुराइयां पैदा होती है।
🌸 स्वयं की अपेक्षा तथा दूसरों की उपेक्षा ही दुखों का मूल कारण है। अगर जीवन में मस्ती चाहता हूं तो अपनी हस्ती (अहंकार) को मिटा दो॥
॥ जय श्री राधे कृष्ण ॥
🌺🌷शुभ रात्रि🌷🌺
❤️ हर हर महादेव ❤️
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