**राधास्वामी! 09-11-2021-
आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
दरस पाय मन बिगस रहा ।
गुरु लागे प्यारे री ॥१॥
बार बार छवि पर बलि जाऊँ ।
चरन सीस पर धारे री॥२॥
कौन वस्तु गुरु आगे राखूँ।
तन मन धन सब वारे री॥३॥
क्या मुख ले मैं महिमा गाऊँ ।
उन गत मत अगम पारे री॥४॥
जीव पड़े चौरासी भोगे ।
गुरु बिन कौन उबारे री॥५॥
मेरा भाग जगा किरपा से ।
मोहि जग से कीन नियारे री॥६॥
राधास्वामी मेहर से जुगत बताई ।
धुन सुन गई दसवें द्वारे री॥ ७॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-12-पृ.सं.208)
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