🌷शुभ🌷
दीपक जले अगम का,
बिन बाती बिन तेल ।
सूर चंद्र चहुंदिस उजरिया,
ऐसा अद्भुद खेल।
घट भीतर जागे दीप प्रेम का,
निर्मल सुरत निखार।
निसदिन सेव गुरु सत्य की,
सुरत करे श्रंगार।
घर आंगन क्यारी प्रेम दीप,
भक्ति बाती धार।
अंतर जोत जगे तब न्यारी,
ज्योत स्वरूप उजियार।
अवली दीप जगाय के,
खोलो घट के द्वार।
संत दिवाली नित करें,
सत्तलोक के घाट।
सप्रेम राधास्वामी
🌹🙏🌹
राधास्वामी हेरिटेज.
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