**राधास्वामी!! -/09-11-2021-आज शाम सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) आवो गुरु दरबार री।
मेरी प्यारी सुरतिया।।टेक।।-
(प्रेमबानी-2-शब्द-76-पृ.सं.343,344-
अधिकतम् उपस्थिति-पूरनपुर ब्राँच (उत्तरप्रदेश)-@-2:33-दर्ज-33) (2) दास दयाला आरत लाया।
जग से भाग चरन में धाया।।
मधुर बीन धुन सुनी अधर घर।
सत्तपुरुष गुरु मिले अमरपुर।।
-(छिन छिन राधास्वामी दरस निहारूँ।
धन धन धन धन वाद पुकारूँ।।-
(प्रेमबानी-1-शब्द-52- पृ.सं.212,213)
(3) मैं हुई सखी अपने प्यारे की प्यारी।।टेक।।
(प्रेमबानी-2-शब्द-3-पृ.सं.197-स्वेतनगर मोहल्ला-@-2:45 -दर्ज-88)
(4) यथार्थ प्रकाश-भाग तीसरा -कल से आगे। सतसंग के बाद:-
(1)-मेरे तो राधास्वामी दयाल दूसरो न कोई।
राधास्वामी मूल नाम।
(2)-मेरे तो राधास्वामी दयाल दूसरो न कोई।राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से जनम सुफल कर ले।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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