राधास्वामी!
01-12-2021-आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला दूसरा पाठ:-
मन इंद्री आज घट में रोक ,
गुरु मारग चलना ॥टेक ॥
गुरु चरनन में लाय प्यार ।
राधास्वामी धाम की आस धार ।
काल करम के बिघन टार ।
गुरु की गोद पलना ।।१।।
सतसँग के बचन सार ।
चेत सुनो और हिये में धार ।
घट में चलो सतगुरु की लार।
मन माया दलना ॥२॥
जगत भाव और मोह त्याग ।
भोगन में तजो राग ।
सँग सतगुरु तू खेल फाग ।
क्यों जग भाटी जलना॥३॥
शब्द जुगत नित कमाय ।
गुरु सरूप ध्यान लाय ।
राधास्वामी चरन सरन ध्याय ।
गुरु चरनन रलना॥४॥
श्याम सेत घाट पार ।
सेत सूर लख उजार ।
सत्त अलख अगम निहार ।
राधास्वामी से मिलना॥५॥
(प्रेमबानी-3-🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿शब्द-9-
पृ.सं.230,231)
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