राधास्वामी राधास्वामी गाया करो,*
हर पल गुरु रूप ध्याय करो ।*
*गुरु तुम्हें अपनी शरण में लेवे,*
*भक्ति मार्ग का भेद तुम्हें देवे ।*
*उनके ही गुन नित गाया करो,*
*राधास्वामी राधास्वामी गया करो ।*
*मेहर से तेरी सूरत जगवे,*
*तन और मन को सेवा में लगावे ।*
*उनका ही हुकम बजाया करो,*
*राधास्वामी राधास्वामी गया करो ।*
*सुरत को तेरी शब्द मे मिलवे,*
*जग की सारी सुखी बिसरावे ।*
*उनके ही संग रहायो करो,*
*राधास्वामी राधास्वामी गया करो ।*
*सुरत शब्द का है मार्ग झीना,*
*पहुंचे न धुर घर कोई गुरु के बिना ।*
*गुरु संग भक्ति फल पाया करो,*
*राधास्वामी राधास्वामी गया करो ।
*राधास्वामी रक्षक (SANSKRIT)*
*हे दयाल सद कृपाल....(SANSKRIT)*
*गुरु गबिन्द जो करें*
*गुरु धरा सीस पर हाथ।
मन क्यों सोच करें।
(होली फेमली द्वारा-संस्कृत)*
*"राधास्वामी रक्षक जीव के" - (संस्कृत में)*
राधास्वामी रक्षकः जीवस्य।*
*जीवेन न भेदं ज्ञातः।।*
*गुरुचरित्रं न ज्ञातं।*
*कर्म दुःख संलग्ना:।।*
*दुःखं दूरं भवेत गुरुदर्शनेन।*
*न कोsपि उपायाः।।*
*तव दर्शनं शीघ्रं भवेत।*
*बहुशः मया कथितम्।।
हे दयालु: सद् कृपालु: *।*
मम जीवनाधारे *।।*
सप्रेम प्रीतिभक्तिरीतिश्च *।*
बंदे चरणं तुभ्यम् *।।*
दीनाज्ञानं एकं इष्टं दानं *।*
देयम् दयादृष
राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफल कर ले।
राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफलतर कर ले।
राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफलतम कर ले।।
राधास्वामी सुमिर सुमिर ध्यान भजन से। जनम सुफलतर कर ले।
राधास्वामी सुमिर सुमिर ध्यान भजन से। जनम सुफलतम कर ले।।
राधास्वामी सुमिर सुमिर रूनझुन शब्द सुनाई हो।।
राधास्वामी सुमिर सुमिर रूनझुन शब्द सुनाई हो।।
राधास्वामी दोउ रिमझिम मेघा
एवं रूनझुन शब्द मिलाई हो।।
*(गुरु धरा सीस पर हाथ)-संस्कृत में अनुवाद:-
गुरोर्हस्तविराजितशिरसि ,
व्यर्थचिंता किमर्थं कुर्यात् ।।
गुरुरक्षा प्रतिपल साकं ,
कथं न धैर्यं धारयेत् ।।
गुरुरक्षक : रक्षयत्यस्मान् ,
नियंता सत्कार्याणाम् ।।
तवपक्षे स्नेहं कुर्यात् ,
भवन्तु दूरं वैरिगणाः ।।**
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