Friday, November 26, 2021

तमन्ना यही है ... संस्कृत में

 तमन्ना यही है ... संस्कृत में



अभिलाषा इयमेव यावत् जीवेम।

चलेम भ्रमेम सोद्यमभवेम।।

पठेम लिखेम सुवाक् वा वदेम।

न कुर्याम कोsपीदृशं कार्यमेव।।

तवेप्सितविरुद्धं च यदपि भवेत्।

भवत: स्वीकृत्या: प्रतिकूलं भवेत्।।




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