**राधास्वामी!
30-11-2021-आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
**राधास्वामी!
आओ रे जीव आओ आज ,
गहो राधास्वामी सरना ॥टेक ॥
आज ही निज करो काज ।
छोड़ो कुल जग की लाज ।
भक्ति भाव लाय साजौं ।
चरनन चित धरना ॥ १ ॥
सतसँग करो चित से चेत ।
गुरु चरनन में लाओ हेत ।
राधास्वामी छिन छिन दया लेत ।
स्रुत शब्द माहिं भरना ॥ २ ॥
मन और सुरत उठे जाग ।
नभ द्वारे से निकल भाग ।
घट में सुन सुन शब्द राग ।
बहुर अधर चढ़ना ॥ ३ ॥
गगन और सुरत तान ।
त्रिकुटी धुन सुनी कान ।
गुरु के चरन परस न ।
मन माया हरना ॥ ४ ॥
तिरबेनी अश्नान कर ।
मगन होत स्रुत चढ़ी अधर |
सत्त शब्द ध्यान घर ।
भौसागर तरना ॥ ५ ॥
अलख अगम के पार जाय ।
प्यारे राधास्वामी दरस पाय ।
छिन छिन रहा उन महिमा गाय ।
चरन सरन पड़ना ॥ ६ ॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-8- पृ.सं.2
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