सतसंग संस्कृति 🌹🙏:
🌹 Satsang Started.🌹
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🌹 सतसंग प्रारंभ ।🌹
राधास्वामी!
आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला पहला पाठ:-
गुरु प्यारे चरन मनभावन ,
हिये राखूँ बसाय ( छिपाय ) ॥टेक ॥
सुन सुन बचन गुरू प्यारे के ।
संशय भरम सब गये नसाय ।
मन भाव बढ़ाय ॥ १ ॥
चरन सरन की महिमा जानी ।
मन और सूरत रहे लुभाय ।
दृढ़ लगन लगाय ॥ २ ॥ चरन भेद ले धारा ध्याना।
नित प्रति रस और आनँद पाय ।
निज भाग सराय।।३।।
गुरु चरनन सम और न प्यारा।
बारम्बार उन्हीं में धाय ।
मन स्रुत हरखाय ॥ ४ ॥
राधास्वामी मेहर की क्या कहूँ महिमा |
सहज लिया मोहि चरन लगाय ।
सब बंद छुड़ाय ॥ ५ ॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-10-पृ.सं.77)
(करनाल ब्राँच हरियाणा !
बहुत बहुत बधाई हो।)
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