**मेरे तो राधास्वामी दयाल,
दूसरो न कोई*
*तेरे तो राधास्वामी दयाल, दूसरो न कोई*
*सबके तो राधास्वामी दयाल, दूसरो न कोई*
*मेरे तो,तेरे तो, सबके तो राधास्वामी दयाल, दूसरो न कोई*
*धार नरदेह हुए प्रगट,परम पुरुष सोई*
*मेरे तो राधास्वामी दयाल, दूसरो न कोई*
*दया दृष्टि डारी मो पै, प्रेम बेल बोई*
*अब तो बेल फैल गई, आनंद फल देई*
*मेरे तो राधास्वामी दयाल, दूसरो न कोई*
*छांड़ि दई मन की मानी,* *सुमिरन लीन होई*
*सतगुरु ढिंग बैठि बैठि,जनम सुफल कियो री*
*मेरे तो राधास्वामी दयाल, दूसरो न कोई*
*चरनन में दीनी ठौर,भाग मोर जगो री*
*हाथ निज धरा सिर पर,तार लियो मोही*
*मेरे तो राधास्वामी दयाल, दूसरो न कोई*
*मेरे तो, तेरे तो, सबके तो राधास्वामी दयाल, दूसरो न कोई !!*
*शब्दार्थ-*
*डारि मो पै-डाली मुझ पर*
*छांड़ि दई - छोड़ दी*
*ढिंग - पास, निकट*
*दीनी - दी*
*ठौर - ठिकाना, आश्रय*
*मोर - मेरा*
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