अब आगे हमारा करोना से बचाव मालिक द्वारा फ़रमाया बचनो से ही होगा - सत्संग, सेवा और व्यायाम।
यानि कुल मालिक से जुड़ाव, P.T., Yoga आदि।
साथ ही सहयोग, संगठन और सफलता।
अतः सभी जरूर अपनाएं।
राधास्वामी 🙏🙏
**राधास्वामी!
! 06 -05- 2020-
आज शाम के सत्संग में पढ़े गये पाठ-
(1) चलो आज गुरु दरबार। जहाँ होवत सहज उधारा।।
टेक।। गुरु निरख दीनता मेरी । करी मुझ पर मेहर घनेरी। मैं हुई उन चरनन चेरी। तन मन धन गुरु पर वारा।।( प्रेमबानी- भाग तीन- शब्द 2- पृष्ठ संख्या 246)
(2) जो जबाँ यारी करें खुलकर सुना ।आज दिल कोई राग बज्मे यार का।।( प्रेमबिलास- शब्द- 110 {मसनवी}-पृष्ठ संख्या 161)
3 सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा- कल से आगे।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!!
06- 05 -2020 -
आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-
कल से आगे-( 129 )
कुछ लोग यह ख्याल लेकर सकते में शरीक होते हैं कि जैसे तैसे अभ्यास की युक्तियां सीख ले बाकी कार्यवाही खुद कर लेंगे । नतीजा यह होता है कि उपदेश लेने के बाद हरचंद जोर लगाते हैं लेकिन अंतर में चाल कतई नहीं चलती। इनमें से बाज तो जल्द ही ढीले पड़ जाते हैं और बाज सतसंग के उपदेश सुनकर या दुनियावी तकलीफों के मौकों पर मर्जी के मुवाफिक सहायता पाकर इस घाट पर आ जाते हैं कि सच्चे दिल से सत्संग के उसूलों पर चलें ।
उनका मन अहंकार उगल कर दीनता के अंग में बरतने लगता है और उन्हें राधास्वामी नाम व सतगुरु व राधास्वामी दयाल के चरणों में सच्ची प्रीति व प्रतीति आजाती है।
तब उनका अभ्यास कामयाबी के साथ बनने लगता है और अंतरी तजरूबात हासिल होकर उन्हें पूरा इत्मीनान मालिक की दया, राधास्वामी मत की सच्चाई व बुजुर्गी और अपने कल्याण के मुतल्लिक हो जाता है।
अगर कोई चाहे कि दलील से हराकर या जोर से डराकर इस किस्म की सच्ची प्रीति व प्रतीति किसी सतसंगी के अंदर एकदम कायम करादे तो नामुमकिन है और ऐसा करना सरासर भूल है ।किसी के अंदर ऐसी तब्दीली वक्त पाकर ही हो सकती है ।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा।**
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी दयाल की दया राधास्वामी सहाय राधास्वामी।।।।
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