Thursday, May 7, 2020

07/05 को सुबह और शाम का सत्संग / पाठ-बचन






: राधास्वामी!!

 07-05-2020- 
                 
   आज सुबह के सतसंग में पढे गये पाठ-                                                                     
  (1) आरत गावै सेवक तेरा। संशय भरम ने चित को घेरा।। हे स्वामी यह बिनती हमारी। भेद दिया तुम अतीसै भारी।। पहुँचू कैसै सो भी गाओं मन मेरे को बहुत उमाओ।। (सारबचन-शब्द -पहला-पृ.सं.90)                                                             
 (2) सुरतिया प्रेम भरी। रही सतगुरु हिरदे छाय।। गगन जाय निरखत गुरु मूरत। धुन मिरदँग और गरज सुनाय।। (प्रेमबानी-2-शब्द-108-पृ.सं.234)                               

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻



                   
07/05 आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-                                                                             
 (1) चलो सतगुरु घाट सखी री , लोगों व मन और सुरत धुलाई।।टेक।। (प्रेमबानी-3-शब्द-3,पृ.सं.247)                                                                                     
(2) जो जबाँ यारी करे खुल कर सुना आज दिल कोई राग बज्मे यार का।। नफ्स के फरमान जारी हो रहे खाक मल मल के है जामा धो रहे।। (प्रेमबिलास-शब्द-110,पृ.सं.162)                                                       
 (3) सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा।।                                     
  🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

**राधास्वामी!!

07-05 -2020 आज शाम के सतसंग में पढ़ा गया बचन-

कल से आगे-( 130 )

याद रखना चाहिए कि अब वह जमाना नहीं रहा है कि इंसान लापरवाही के साथ जिंदगी बसर करें ।अगर कोई कौम या संगत जिंदा रहा चाहती है और ख्वाहिश रखती है कि आइंदा आने वाली नस्ल आराम के साथ दिन काटे तो उसके सब मेंबरों को सावधान होकर काम करना होगा। उन्हें आपस में गहरा संगठन रखना होगा और आमदनी व खर्च, अपने रोजगार और अपनी हिफाजत के मुतअल्लिकक बढ़िया से बढ़िया तजवीजों को अमल में लाना होगा ।

जैसे कच्चे धागे एक दूसरे के साथ बुन देने से मजबूत कपड़ा बन जाता है ऐसे ही किसी संगत के मेमंबरो के दिल एक दूसरे में पिरो देने से मजबूत सगंत बन जाती है। सत्संग में जितनी स्वार्थी संस्थाएं कायम की गई है । उन सब की गरज संगत के अंदर बेदारी व संगठन पैदा करना है इसलिए मुनासिब होगा कि सब सत्संगी भाई व बहिनें अपने तई राधास्वामी दयाल के खानदान का मेम्बर समझे और मिलकर जिंदगी बसर करना सीखे और संगत की बेहतरी के लिए जो हिदायतें जारी हों उनकी दिलों जान से तामील करें।

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻 

            

 सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा।**

राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी दयाल की दया राधास्वामी सहाय राधास्वामी
।।।।।।।।







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