**राधास्वामी-
10-05-2020-
आज शाम के सत्संग में पढे गये पाठ -
(1) जग भाव तजो प्यारी मन से । सत्संग में चित्त धरो री।। ( प्रेमबानी- भाग- 3- पृष्ठ संख्या 251)
(2) जो जबाँ यारी करें खुल कर सुना। आज दिल कोई राग बज्में यार का।। आखिरश किस्मत ने की जब यावरी। मुजद ले आई सभा यकबारगी।। ( प्रेमबिलास- शब्द 110 - पृ.संख्या -165 )
(3) सत्संग के उपदेश -भाग तीसरा- कल से आगे।।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**
**राधास्वामी!!
10-05 -2020 -.
आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-
कल से आगे-( 133 )
सत्संगी दो किस्म के है- मुर्दा व जिंदा। मुर्दा सत्संगी वे हैं जो दुनिया के कामकाज में मसरूफ है और मगन व उलझे हुए हैं और जिनके दिल पर मालिक का नाम व मालिक का गुणानुवाद असर नहीं करता।
जिंदा सत्संगी वे हैं जो एहतियात की जिंदगी बसर करते हैं और जिनका दिल जब तब, ख्वाह किसी बाहरी असर की वजह से, ख्वाह आप से आप प्रेम से भर जाता है और यह हालत होने पर जो या तो चुपचाप कोने में बैठकर मालिक की याद करने लगते हैं या प्रेम में भरकर प्रेम व भक्ति की किसी कड़ी का पाठ करने लगते हैं।🙏🏻 राधास्वामी 🙏🏻 सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा**
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