**राधास्वामी!! 11-01-2021-आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) कहाँ लग कहूँ कुटिलता मन की। कान न माने गुरु के बचन की।। सतसँग किसको कहते है, सो भी तुम सुध लेव। सत्तनाम सत्तपुरूष का, जहाँ कीर्तन होय।।-(जोगेश्वर बेदान्ती भाई। यह भी रहे अक्षर लख माहीं।।।।) (सारबचन-शब्द-पहला-पृ.सं.240,241)
(2) गुरु सँग चलना घर की बाट।।टेक।। बिन सतगुरु कोइ पार न जावे। भौसागर का चौडा फाट।।-(राधास्वामी दया से सुरत चढावें। खोलें घट का बज्र कपाट।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-25,पृ.सं.385)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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