**राधास्वामी!! 13-01-2021- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) कहाँ लग कहूँ कुटिलता मन की। कान न माने गुरु के बचन की।। सत्तनाम का भेद सुनाऊँ। वा की आदि अन्त दरसाऊँ।।-(तब रहे आप अनाम अमाया। अपने में रहे आप समाया।।) (सारबचन-शब्द-पहला-पृ.सं.242)
( 2) गुरू सँग प्रीति करो मेरे बीर।।टेक।। निज घर भेद गुरू बतलावें। बाट चलो उन सँग धर धीर।।-(राधास्वामी दया गई सतपुर में। पाया पद अति गहिर गँभीर।।)
(प्रेमबानी-2-शब्द-27-पृ.सं.386,387)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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