रामायण महिमा
हिंदू धर्म में ऐसे बहुत से ग्रंथ हैं, जोकि मनुष्य जीवन में बहुत ही अहम होते हैं वहीं गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें जीवन में आगे बढ़ने की प्ररेणा मिलती है। कहते हैं कि उसे पढ़कर व्यक्ति अपने जीवन की जुड़ी हर समस्या का समाधान कर सकता है। जीवन में ऐसी बहुत सी समस्याएं होती हैं, जिससे पार निकल पाना बेहद कठिन लगता है, लेकिन वहीं मुसीबतों से निकलने के लिए यहीं ग्रंथ काम आते हैं। इसी के साथ आज हम आपको बताे जा रहे हैं तुलसीदास के जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जिन्हें अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन को साकार कर सकता है।
कर्म
तुलसीदास जी कहते हैं ईश्वर ने इस संसार को कर्म प्रधान बना रखा है। जो मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसका फल भी उसे वैसा ही मिलता है। इसलिए हमें अपने कर्म पर भरोसा रखना चाहिए। यहीं हमारे जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग तय करेगा।
नम्रता
तुलसीदास के अनुसार जैसे पौधे में फल लगने से वह झुक जाते हैं और वर्षा के आने से बादल झुक जाता हैं, ठीक वैसे ही मुनष्य के पास धन आ जाने पर उसके अंदर नम्रता का वास हो जाना चाहिए। जिन मनुष्यों के मन में ये भावना नहीं आती, उनके पास कभी सफलता नहीं टिकती।
सुख
तुलसीदास के अनुसार सही मनुष्य वही होता है, जो खुद परेशानी सहकर दूसरों को सुख देता है। जैसे वृक्ष खुद ताप सहकर दूसरों को छांव देता है। वैसे ही हर इंसान को दूसरों को ठंडीं छांव में रखना चाहिए।
सपने देखना
तुलसीदास जी कहते हैं, हमें अपने कद से ज्यादा पांव नहीं फैलाना चाहिए। वहीं सपना देखो, जिसे पूरा कर सको, वरना उलझने कभी खत्म नहीं होगी।
धैर्य- किसी भी मुश्किल परिस्थिति में भगवान राम ने अपना धैर्य नहीं खोया है। उन्होनें हर परेशानी में धैर्य से काम लिया है इसलिए हमें भगवान राम जी तरह जीवन की हर तकलीफ मेंं शांति से कार्य करना चाहिए।
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*हेमन्त किगंर (समाजसेवी) 9915470001*
हिंदू धर्म में ऐसे बहुत से ग्रंथ हैं, जोकि मनुष्य जीवन में बहुत ही अहम होते हैं वहीं गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें जीवन में आगे बढ़ने की प्ररेणा मिलती है। कहते हैं कि उसे पढ़कर व्यक्ति अपने जीवन की जुड़ी हर समस्या का समाधान कर सकता है। जीवन में ऐसी बहुत सी समस्याएं होती हैं, जिससे पार निकल पाना बेहद कठिन लगता है, लेकिन वहीं मुसीबतों से निकलने के लिए यहीं ग्रंथ काम आते हैं। इसी के साथ आज हम आपको बताे जा रहे हैं तुलसीदास के जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जिन्हें अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन को साकार कर सकता है।
कर्म
तुलसीदास जी कहते हैं ईश्वर ने इस संसार को कर्म प्रधान बना रखा है। जो मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसका फल भी उसे वैसा ही मिलता है। इसलिए हमें अपने कर्म पर भरोसा रखना चाहिए। यहीं हमारे जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग तय करेगा।
नम्रता
तुलसीदास के अनुसार जैसे पौधे में फल लगने से वह झुक जाते हैं और वर्षा के आने से बादल झुक जाता हैं, ठीक वैसे ही मुनष्य के पास धन आ जाने पर उसके अंदर नम्रता का वास हो जाना चाहिए। जिन मनुष्यों के मन में ये भावना नहीं आती, उनके पास कभी सफलता नहीं टिकती।
सुख
तुलसीदास के अनुसार सही मनुष्य वही होता है, जो खुद परेशानी सहकर दूसरों को सुख देता है। जैसे वृक्ष खुद ताप सहकर दूसरों को छांव देता है। वैसे ही हर इंसान को दूसरों को ठंडीं छांव में रखना चाहिए।
सपने देखना
तुलसीदास जी कहते हैं, हमें अपने कद से ज्यादा पांव नहीं फैलाना चाहिए। वहीं सपना देखो, जिसे पूरा कर सको, वरना उलझने कभी खत्म नहीं होगी।
धैर्य- किसी भी मुश्किल परिस्थिति में भगवान राम ने अपना धैर्य नहीं खोया है। उन्होनें हर परेशानी में धैर्य से काम लिया है इसलिए हमें भगवान राम जी तरह जीवन की हर तकलीफ मेंं शांति से कार्य करना चाहते है l
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