Tuesday, January 19, 2021

सतसंग सुबह DB 19/01

 **राधास्वामी!! 19-01-2021- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-                                     

(1) भक्ति महातम सुन मेरे भाई। सब संतन ने किया बखान।।-(भक्ति भाव यह गुरुमत जानो। और मते सब मनमत ठान।।) (सारबचन- शब्द-पहला-बचन-12वाँ-पृ.सं.246,247)                     

 (2) आज घट बरखा रिमझिम होत।।टेक।। प्रेम के मेघा छाय रहे। धुनन का खुल गया भारी सोत।।-(करी मोपै राधास्वामी दया अपार। सुरत अब सत्त शब्द सँग पोत।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-33-पृ.सं. 390)                                      

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज-भाग 1

- कल से आगे:-(14)-12 फरवरी 1940

-रात को शादियों के खत्म होने के बाद हुजूर ने वर-वधूओं व बाराती वगैरह से मुखातिब होकर फरमाया- शादी करने के बाद कुछ लोगों का तजुर्बा कड़वा साबित होता है। इसलिये आप साहिबान को चाहिए कि अभी से ऐसी कार्यवाईं करें कि जिससे शादी के बाद आपकी जिंदगी खुशगवार और आरामदेह हो जाय। इस सिलसिले में आपकी तवज्जह पाँच बातों की तरफ दिलाना चाहता हूँ।।                                      

(1 आप यह याद रखिए कि आपकी शादी सत्संग के अंदर हुई है इसलिए आपका मुख्य कर्तव्य होना चाहिए कि आप हुजूर राधास्वामी दयाल की याद रक्खें और उनको हाजिर-नाजिर जान कर सत्संग की सेवा करें और सत्संग का धर्म पालन करें और कभी इस बात को ना भूले।

                                     

(**राधास्वामी!! 19-01-2021- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-

 (1) भक्ति महातम सुन मेरे भाई। सब संतन ने किया बखान।।-(भक्ति भाव यह गुरुमत जानो। और मते सब मनमत ठान।।) (सारबचन- शब्द-पहला-बचन-12वाँ-पृ.सं.246,247) (2) आज घट बरखा रिमझिम होत।।टेक।। प्रेम के मेघा छाय रहे। धुनन का खुल गया भारी सोत।।-(करी मोपै राधास्वामी दया अपार। सुरत अब सत्त शब्द सँग पोत।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-33-पृ.सं. 390)

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज-भाग 1-

 कल से आगे:-(14)-12 फरवरी 1940-

रात को शादियों के खत्म होने के बाद हुजूर ने वर-वधूओं व बाराती वगैरह से मुखातिब होकर फरमाया- शादी करने के बाद कुछ लोगों का तजुर्बा कड़वा साबित होता है। इसलिये आप साहिबान को चाहिए कि अभी से ऐसी कार्यवाईं करें कि जिससे शादी के बाद आपकी जिंदगी खुशगवार और आरामदेह हो जाय। इस सिलसिले में आपकी तवज्जह पाँच बातों की तरफ दिलाना चाहता हूँ।।

(1 आप यह याद रखिए कि आपकी शादी सत्संग के अंदर हुई है इसलिए आपका मुख्य कर्तव्य होना चाहिए कि आप हुजूर राधास्वामी दयाल की याद रक्खें और उनको हाजिर-नाजिर जान कर सत्संग की सेवा करें और सत्संग का धर्म पालन करें और कभी इस बात को ना भूले।

 (2)- सत्संग के सिलसिले में यह ख्याल रखना चाहिए कि एक दूसरे को सत्संग की सेवा करने से न रोकें बल्कि जहाँ तक हो सके इस मामले में एक दूसरे की मदद करें।

 क्रमशः 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज

-[भगवद् गीता के उपदेश]

 कल से आगे:-

 अर्जुन ने जवाब दिया- मगर महाराज ! में भीष्म और द्रोणाचार्य जैसे पूज्य पुरुषों पर कैसे हाथ उठाऊँ?

मैं भीख मांग कर दिन काट लेना बेहतर समझता हूँ, बमुकाबला इन बुजुर्गों का खून करने के। इन्हे कत्ल कर के मुझे खून से सने हुए भोग मंजूर नहीं

।5। इसके अलावा मुझे यह भी निश्चय नहीं होता कि हमारे लिए जीतना अच्छा है या हारना। मेरा दिल इस वक्त डावाँडोल हो रहा है और मुझे धर्म व अधर्म की तमीज नहीं रही। आप कृपा करके बतलावे मेरे लिए क्या करना मुनासिब है । मेरा मन तो यही कहता है कि पृथ्वी और देवताओं पर हुकूमत हासिल होने पर भी यह शोक, जो इस वक्त मुझे खा रहा है, दिल से दूर न होगा। मैं न लडूँगा । बस अब नहीं लडूँगा यह कहकर अर्जुन चुप हो गया। मगर कृष्ण जी मुस्कुरा कर बोले ।

10। क्रमशः🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**


**परम गुरु हुजूर महाराज- प्रेम पत्र- भाग-1-

 कल से आगे:-(3)-

जैसे कि कोई शख्स किसी से कहें कि तुम्हारे घर के फलाने हिस्से या मकान में साँप है और वह शख्स उसकी प्रतीति करके, जब तक कि सर्प को निकाल न लेवे, तब तक आप भी खौफ करके उस मकान में नहीं जाता है और अपने कुटम्बियों को भी उस मकान में नहीं जाने देता है और वह जतन और उपाय करता है कि जिससे, जिस कदर जल्दी मुमकिन होवे, सर्प निकाला जावे और उसका खौफ जाता रहे।

(4)-जैसे कि कोई शख्स किसी को खबर देवे कि फलाने दिन या रात को उसके घर में चोर आने वाले हैं और वह शख्स उस बात की प्रतीति करके उसी दिन से बंदोबस्त अपने मकान की हिफाजत का करता है और रात को बराबर होशियार और जागता रहता है और जिस कदर आदमी जमा कर सकता है हमको अपने मकान पर मौजूद रखता है और हर वक्त ख्याल चोरों का रख कर अपने मकान और सामान की हिफाजत से नहीं चूकता है।


 क्रमश: 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


(*2)- सत्संग के सिलसिले में यह ख्याल रखना चाहिए कि एक दूसरे को सत्संग की सेवा करने से न रोकें बल्कि जहाँ तक हो सके इस मामले में एक दूसरे की मदद करें।

 क्रमशः       

                                               


🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज

-(भगवद् गीता के उपदेश )कल से आगे:-

 अर्जुन ने जवाब दिया- मगर महाराज ! में भीष्म और द्रोणाचार्य जैसे पूज्य पुरुषों पर कैसे हाथ उठाऊँ? मैं भीख मांग कर दिन काट लेना बेहतर समझता हूँ, बमुकाबला इन बुजुर्गों का खून करने के। इन्हे कत्ल कर के मुझे खून से सने हुए भोग मंजूर नहीं।5।                       

  इसके अलावा मुझे यह भी निश्चय नहीं होता कि हमारे लिए जीतना अच्छा है या हारना। मेरा दिल इस वक्त डावाँडोल हो रहा है और मुझे धर्म व अधर्म की तमीज नहीं रही। आप कृपा करके बतलावे मेरे लिए क्या करना मुनासिब है । मेरा मन तो यही कहता है कि पृथ्वी और देवताओं पर हुकूमत हासिल होने पर भी यह शोक, जो इस वक्त मुझे खा रहा है, दिल से दूर न होगा। मैं न लडूँगा । बस अब नहीं लडूँगा यह कहकर अर्जुन चुप हो गया। मगर कृष्ण जी मुस्कुरा कर बोले ।10। क्रमशः🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**

**परम गुरु हुजूर महाराज-

प्रेम पत्र- भाग-1- कल से आगे:-(3)- जैसे कि कोई शख्स किसी से कहें कि तुम्हारे घर के फलाने हिस्से या मकान में साँप है और वह शख्स उसकी प्रतीति करके, जब तक कि सर्प को निकाल न लेवे, तब तक आप भी खौफ करके उस मकान में नहीं जाता है और अपने कुटम्बियों को भी उस मकान में नहीं जाने देता है और वह जतन और उपाय करता है कि जिससे, जिस कदर जल्दी मुमकिन होवे, सर्प निकाला जावे और उसका खौफ जाता रहे।                                                (4)-जैसे कि कोई शख्स किसी को खबर देवे कि  फलाने दिन या रात को उसके घर में चोर आने वाले हैं और वह शख्स उस बात की प्रतीति करके उसी दिन से बंदोबस्त अपने मकान की हिफाजत का करता है और रात को बराबर होशियार और जागता रहता है और जिस कदर आदमी जमा कर सकता है हमको अपने मकान पर मौजूद रखता है और हर वक्त ख्याल चोरों का रख कर अपने मकान और सामान की हिफाजत से नहीं चूकता है।

 क्रमश:                       

  🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

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