Wednesday, March 3, 2021

हुजूर डॉ लाल साहब के अनमोल वचन

 🙏🙏  राधास्वामी🌹🌹 परम पूज्य हुज़ूर डा. लाल साहब के बचन🌹🌹


            

एक पोशाक हो, एक खयाल हो, खूब कस के काम हो, 

🌹🌹🌹🌹🌹

🌹 दिनांक 21,2,84 को शाम के सतसंग से पहले हुज़ूर मेहता जी महाराज के बचन भाग   2 से बचन न. 141 का जिक्र किया, जिस में हुज़ूर मेहता जी महाराज ने महिला एसोसिएशन के लिए कुछ आदेश दिए थे, 

🌹 परम पूज्य हुज़ूर डा. लाल साहब ने फरमाया..... 

महिला एसोसिएशन को उन आदेशों का पालन करना चाहिए, उनमें से कुछ बातें तो पूरी हो गई है, जो पूरी नहीं हुई है उनको अब पूरी करना चाहिए, उस बचन में एक जगह ऐसा लिखा है कि सब औरतों की एक ही तरह की पोशाक हो, एक ही तरह का व्यवहार हो, एक ही तरह की बोल चाल हो, यह बात पूरी तरह से अभी तक नहीं हो पाई है, 

🌹 कम से कम सतसंग में या जब कोई फंक्शन या मिटिंग तो सब महिलाएं एक ही तरह की पोशाक पहन कर आवे और इसमें किसी को कोई भी दिक्कत नहीं होनी चाहिए, 

🌹 इस तरह की पोशाक सम्बन्धी बातें महिलाओं और आदमियों दोनों के ऊपर समान रूप से लागू होती है, 

🌹 पुन;फरमाया कि पिछले 30 सालों से दयालबाग में महिलाओं ने बहुत काम किया है, और हर तरह की सेवा में भाग लीया है (दया कर फरमाया) मैं समझता हूँ कि कुछ मायनों में आदमियों से ज्यादा सेवा की है, 

🌹 लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि जो हुज़ूर का हुक्म था उसे हम पूरी तरह से न     

करें, आदमियों और औरतों पर बड़ी जिम्मेदारी है, यह सतसंगी लोग मिल कर तय करे कि इसको किस तरह पूरा करना है, 

🌹 पहले सतसंग के लिए पोशाक मुकर्रर थी पर धीरे धीरे सतसंगी लोग उसे भूल रहे हैं, कभी उसका पालन करते हैं और कभी नहीं करते हैं, rigidly(दृढ़ता) से पालन नहीं करते हैं, 

यह कहने मात्र से नहीं हो सकता है, इसे सब सतसंगी लोगों को मिल कर करना है, टैक्स टाइल वाले एक तरह का कपड़ा बना दे 

तो सब लेडीज एक ही तरह की पोशाक पहनेगी एक ही रंग की हो जावेगी, फिर बहुत अच्छा और बहुत बढ़िया लगेगा और जब कोई बाहर वाला आकर देखेगा तो वह भी impress(प्रभावित) 

होगा

🌹 पुन;हुज़ूर ने फरमाया, कि सब मिलकर कोशिश करें, एक पोशाक हो, एक खयाल हो, खूब कस के काम हो, तो माडल बन जाने में कोई दिक्कत मालूम नहीं होती है, 

🌹 हुज़ूर ने परामर्श दिया कि सतसंगी लोग सब मिलकर मीटिंग करें और उसमें 

यह तय करे कि सब को मिलकर पालन करना है! 

🌹🌹🌹🌹🌹

            🙏

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ग्रेशस हुज़ूर डा. प्रेम सरन सतसंगी साहब का सत्परामर्श

            🌹

सतसंग संस्कृति के अनुरूप एक पोशाक हो.. 

🌹 24 जुलाई 2005

को शाम के सतसंग में लगभग 890 रूमालो की सेल उन प्रेमी भाईयों, बहनों व छात्रों  के लिए हुई जिन्होंने सतसंग यूनिफॉर्म पहन रखा था, 

🌹 इसी बीच आदेश होने पर परम पूज्य हुज़ूर डा. लाल साहब का बचन, एक पोशाक हो, एक खयाल हो, खूब कस के काम हो, पढा गया, 

🌹बचन के समाप्त होने पर पूज्य हुज़ूर ने फरमाया, 

🌹 आप सब सतसंगी इस बचन के अनुसार आर्दश भाई व बहनें बनना चाहेंगे

जिस पर संगत ने जोर से हामी भरी, 

🌹 फिर फरमाया आप सब लोग यूनिफॉर्म पहन कर सतसंग में आने का आर्दश रखिये, यह नहीं होना चाहिए कि आप एक बार शुरू करके फिर छोड़ दे यह गलत तरीका है, 

🌹 एक जमाना था हुज़ूर मेहता जी महाराज का, जब कुर्ते बहुत तंग सिले जाते थे, और खेतों में अक्सर ऐसी लडकीयों के जो तंग कुर्ते पहनती थी वो कुर्ते खोल दीये जाते थे, जिससेे तंग न हो, 

अब यह हालत हो गई है कि तंग तो नहीं है पर कुर्ते लगभग कमर तक खुले हुए है, जो लडकीयों और औरतों को शोभा नही देते हैं, 

तो आप जो यूनिफॉर्म तयार कराए सतसंग के लिए तो उसमें सही 

ढंग से कुर्ते सिले हो इस बात की जिम्मेदारी है जितनी सतसंगी महिला है उन सबकी, 

सतसंग यूनिफॉर्म सतसंग संस्कृति के अनुरूप हो और इस तरह की जो बाहर फिल्मों में या अन्य भागों में प्रचलित हैं उनसे न प्रभावित हो

🌹 तो मैं समझता हूँ कि आप सब इन बातों का ध्यान रखेंगे🌹

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       राधास्वामी

            🙏

सबसे बड़ी भक्ति हुज़ूर के आदेशों का पालन करना है🌹🌹🌹

             🙏

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