आज *०९-०३-२०२१* सुबह के सतसंग के बाद खेतों पर *मालिक ने फरमाया, फिर इसको प्रोफेसर के. दया ने माइक पर एनाउंस किया*
पूरे ई - सतसंग कैस्केड नेटवर्क से ये एक सवाल पूछा गया कि
*u मूल शब्द कौन कौन से हैं ?*
जो उत्तर देना चाहते हैं वो अपना नाम व ब्रांच का नाम बताएं। कुछ उत्तर आए
ओम, रारंग, सोहंग, सतनाम, राधास्वामी
*फिर ग्रेसियस हुजूर जी ने फरमाया, जिसको प्रो० के. दया ने माइक पर एनाउंस किया*
*पांच शब्द हैं :-*
*र ध स व म*
जिससे *रा धा स्वा मी* बना हैं।
मेलाराम भी उसी से बना हैं,
*राम से मेल* होता हैं।
मेलाराम जी ने *"बढ़त सतसंग अब दिन दिन"* गाया हैं और ट्रिनिटी जो हैं, वो *"अहा हा हा ओहो हो हो"* से पूरी होती हैं। पांच शब्द हैं, और इन्ही पांच शब्दो से ट्रिनिटी बनती हैं। *तीन लेवल ट्रिनिटी हैं : अपरमोस्ट ऑर्डर , मिडिल ऑर्डर एंड लोअर ऑर्डर* , लेकिन ये तीनों ट्रिनिटी इन पांच मूल शब्दो से मिलकर बनी हैं। आप सब ये देख सकते हैं कि यहीं पांच शब्द हर जगह हैं। चाहे प्राणायाम करते हो, राम चरित मानस मानते हो, तुलसी जी के भक्त हो या राधास्वामी सतसंग सभा, दयालबाग के अनुयायि हो, सबमें यहीं पांच शब्द हैं।
*राधास्वामी मत दयालबाग हाईएस्ट लेवल ट्रिनिटी हैं।*
*फिर ग्रेसियस हुजूर जी ने फरमाया, जो पप्पू भाईसाहब ने माइक पर एनाउंस किया*
मूल शब्द पांच हैं *र ध स व म* जो सारबचन नज्म व नसर में शुरू में ही इनका व्याख्यान हैं, जो आप लोग नही पहचानते हैं, मात्राएं अलग होती हैं:
*अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ अं*
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