Wednesday, May 19, 2021

चलो चलें सतयुग की ओर../ राजकिशोर सतसंगी

 चलो चलें सतयुग की ओर.../ राजकिशोर सतसंगी



सतयुग में जाने का, लगता है कोरोना एक अहम निमित्त बनेगा 

भले हम इसे अभी कोस रहे, पर यह युग-परिवर्तन करके रहेगा 

जितना जल्द बदलेंगे हम खुद को, वही वहां उतनी जल्द पहुंचेगा  परिवर्तन जो खुद में होगा शुरु, समाज के अंग-अंग को बदलेगा  ।।1।।


युग-परिवर्तन में कोई, बहुत बड़े भूचाल-प्रलय नहीं आते 

काम-क्रोध-लोभ-मोह-अहंकार, केवल वश में कराए जाते 

आदमी की क्या है हैसियत, उससे उसको रूबरू कराए जाते,  सहा कर ताप-दाब, किसी को सोना किसी को हीरा बनाए जाते ।।2।।


लोग निखरते दिख रहें हैं, अभी और भी निखरते जाएंगे 

सह के तमाम दुख-तकलीफ, जिंदगी के नजरिए बदलते जाएंगे 

रहन-सहन, खान-पान, आदतें, सबमें बड़े परिवर्तन आएंगे 

आबोहवा बदलेगा ऐसा, मन के भाव भी बदलते चले जाएंगे ।।3

 

अपनी जड़ों से हम, और अच्छे से समझ-जुड़ पाएंगे 

परिवार व रिस्तों का मूल्य, उन्हें दिल से निभा पाएंगे 

पुरातन-सनातन, संस्कार-संस्कृति को भली-भांति अपना पाएंगे 

होंगे भाग्यशाली, जो अपनी आंखों से सतयुग-दर्शन कर पाएंगे ।।4।।


छोड़-छाड़ कलयुग के कल-क्लेश, क्रोध-घृणा की बजरिया 

जहां पर है भेदभाव, भय-तनाव-चिंता की काली बदरिया 

शंखनाद हो चुका, जुड़-मिल चलो चलें सतयुग की डगरिया 

जो है, निर्मल चेतन सत्य प्रेम दया धर्म की पवित्र पावन नगरिया ।।5।।

                               _ _ _ _ _


(राजकिशोर सतसंगी)

17.05.2021

No comments:

Post a Comment

बधाई है बधाई / स्वामी प्यारी कौड़ा

  बधाई है बधाई ,बधाई है बधाई।  परमपिता और रानी मां के   शुभ विवाह की है बधाई। सारी संगत नाच रही है,  सब मिलजुल कर दे रहे बधाई।  परम मंगलमय घ...