जिस किसी से बात करो, वह डरा हुआ है या कहते हैं डिप्रेशन में हैं.....!
किस बात का डर किस बात का डिप्रेशन?
क्या हमें अब मालिक पर बिल्कुल भरोसा नहीं रहा??
क्या हम इतने कमज़ोर हो गए हैं??
हम भूल गए कि बच्चों को थोड़ी चोट लगने पर क्या बोलते थे??
हम यह भी क्या भूल गए कि हर दुःख तकलीफ़ पर कहते कि सूली का कांटा हो गया....?
क्या हमें याद नहीं कि हम हर छोटी बढ़ी तकलीफ़ के लिए कहते कि कर्मों की सफ़ाई हो रही है......!
याद रखें, जो हो रहा है मालिक के मर्ज़ी से हो रहा है, उनके हुकम से हो रहा है, मालिक किसी का ग़लत कभी कर ही नहीं सकते जिन्हें मुक्ति देनी है मुक्त कर रहे हैं जिन्हें वक्त देना है सेवा का उन्हें जीवन दे रहे हैं....!
याद रखें कि हमारे ऊपर हाथ राधास्वामी दयाल के हैं.....!
याद रखें हम एक कुल मालिक की औलाद हैं, हम कमज़ोर नहीं हम डरपोक नहीं.....!
यह एक छोटी सी अ-स्थायी बीमारी का मुक़ाबला हम हिम्मत से करेंगे, मालिक का नाम लेकर सुमिरन ध्यान करते करते करेंगे.....!
मालिक से हमें शिकायत नहीं शुक्र करना चाहिए.....!
हर पल हम खुश रहेंगे......!
हम हर पल याद रखेंगे कि हम कुल मालिक राधस्वामी दयाल की औलाद हैं, हम कमज़ोर नहीं.....! फिर हमें कैसा ड़र हमें कैसा डिप्रेशन......!
एक दूसरे को सपोर्ट करें, सहयोग करें तथा प्यार करें.......!
यह दिन भी निकल जाएँगे....!
गुरू के प्यारे है हम
सभी सतसंगी भाई बहनों को हाथ जोड़ कर प्यार भरा 🙏🏻राधास्वामी
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