**राधास्वामी!! 19-05-2021-आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) चलो री सखी आज पिया से मिलाऊँ। तन मन धन की प्रीति छुडाऊँ।।-(राधास्वामी पद हम जाना। कहन सुनन का लगा ठिकाना।।)
(सारबचन-शब्द-पहला-पृ.सं.371,372
-कानपूर मेन ब्राँच-अधिकतम उपस्थिति-63)
(2) गुरु प्यारे सिखावें भक्ती रीत।। गुरु सतगुरु मालिक को जानो। वही है संत और वे ही अतीत।।-
(राधास्वामी मेहर से निज घर जावो। काल करम और माया जीत।।)
(प्रेमबानी-3-शब्द-55-पृ.सं.48,49) सतसंग के बाद:-
(1) राधास्वामी मूल नाम।।
(2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।
(3) बढत सतसंग अब दिन दिन। अहा हा हा ओहो हो हो।।
(प्रे. भा. मेलारामजी-फ्राँस)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
**परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज
- बचन भाग 1- कल से आगे
:- जो परिवर्तन सत्संग में हो रहे हैं , पिछले 20 या 25 सालों में हुए उन पर विचार करने से ज्ञात हो जावेगा कि परिवर्तन केवल सत्संग के भीतर ही नहीं हुए बल्कि इस बीच में दूसरी सोसाइटीज में भी उनके ढंगो व जीवन के भिन्न-भिन्न दृष्टिकोण में काफी परिवर्तन हूए।
इसलिये जब तक प्रत्येक मनुष्य अपना ढंग समय के साथ-साथ और उसके अनुकूल ठीक नहीं करेगा उसको पुराने ढंग पर बरतने के कारण कष्ट अवश्य होगा। यदि वर्तमान समय और भविष्य की आवश्यकताओं को समझ लिया जाय और उनके अनुकूल अपना ढंग बनाने की कोशिश की जाए तो फिर ये सारी काररवाइयाँ आसान हो जाती हैं और ऐसे नियमों पर चलने में खुशी होती है।
इसलिये मुनासिब होगा कि 5-6 दिन पहले मैं आपको इस बारे में सूचित कर दूँ। इस बार सभा के जलसे मैं इस संबंध में एक,दो आवश्यक बातें पेश होंगी। संभवत उस समय आप सब साहबान मौजूद होंगे। सभापति महोदय शायद आपसे भी राय लें।
बहुमत से या किसी और ढंग से इन सारी बातों का फैसला होगा । इसके बाद पास की गई स्कीम को अवश्य चलाना होगा। अगर कोई शख्स उन पर न चलने व उनको न मानने का उचित कारण न पेश करेगा तो उसके लिए उससे पूछताछ की जावेगी और उसका नतीजा उसको सहन करना पड़ेगा। क्रमशः
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
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