**राधास्वामी!! 20-05-2021-(नोट:-दोबारा सतसंग हुआ) आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ;-
(1) आरत आगे राधास्वामी के कीजे। बिमल प्रकाश अमी रस पीजे।।-(दास तुम्हारे स्वामी आरत गावें। चरन कँवल में बासा पावें।।)
(सारबचन-शब्द-25-पृ.सं.601,602
-तिमरनी ब्राँच-आधिकतम उपस्थिति-42)
(2) गुरु प्यारे के सँग चलो हे मन यार।।टेक।। निज घर की वह राह बतावें। सुरत शब्द की जुगती सार।।-(परम बिलास मिला निज घर में। राधास्वामी रुप निहार।।) (प्रेमबानी-3-शब्द-56-पृ.सं.49,50)
सतसंग के बाद:-
(1) राधास्वामी मूल नाम।।
(2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।
(3) बढत सतसँग अब दिन दिन। अहा हा हा ओहो हो हो।।
(प्रे. भा. मेलारामजी-फ्राँस।) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteeAstroHelp is India's leading website for Astrology-based resources. The Company aims at promoting ancient occult science from India across the globe. Udo bola udo
ReplyDelete